Mathura News : विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने निकाली शौर्य यात्रा, बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का किया विरोध

UPT | शौर्य यात्रा में शामिल कार्यकर्ता

Dec 08, 2024 17:05

विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल की महानगर इकाई ने मंगलवार को शौर्य दिवस के अवसर पर भव्य शौर्य यात्रा का आयोजन किया।

Mathura News : विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल की महानगर इकाई ने मंगलवार को शौर्य दिवस के अवसर पर भव्य शौर्य यात्रा का आयोजन किया। इस यात्रा का उद्देश्य अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन के दौरान कारसेवकों के बलिदान को याद करना और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना था। शौर्य यात्रा महानगर के विभिन्न प्रखंडों से शुरू होकर मसानी वेद मंदिर पर एकत्रित हुई। यहां से यह यात्रा शाह दरवाजा, चौक बाजार, छत्ता बाजार, होली गेट और नगर के अन्य प्रमुख मार्गों से होते हुए भरतपुर गेट स्थित अग्रवाल धर्मशाला पर समाप्त हुई। यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में लोग हाथों में भगवा झंडे लिए जय श्रीराम के नारे लगाते हुए आगे बढ़े।

कारसेवकों के बलिदान को किया याद
सभा को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय संगठन मंत्री सोहन सोलंकी ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराकर राम मंदिर निर्माण की नींव रखी थी। इस आंदोलन में कई कारसेवकों और संतों ने अपना बलिदान दिया, जिसका परिणाम आज भगवान राम के भव्य मंदिर के रूप में सामने है। उन्होंने कहा कि इन बलिदानों को याद रखना और शौर्य दिवस के रूप में मनाना हमारा कर्तव्य है।



हिंदू समाज के एकजुट होने का आह्वान
विभाग संगठन मंत्री उमाकांत ने अपने संबोधन में हिंदू समाज को संगठित होने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि हिंदू समाज एकजुट नहीं हुआ, तो ऐसी घटनाओं को भारत में होने से नहीं रोका जा सकेगा।

हिंदू समाज पर बढ़ते खतरे
विहिप महानगर अध्यक्ष कन्हैया लाल अग्रवाल ने कहा कि आज हिंदू समाज धर्मांतरण, लव जिहाद, घुसपैठ और गौ हत्या जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि समाज को जागरूक होकर इन खतरों का मुकाबला करना होगा।यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ता शामिल हुए। जय श्रीराम के नारों और भगवा ध्वज से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। यात्रा ने हिंदू समाज के भीतर एकता और जागरूकता का संदेश दिया।

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