चांदनी रात में ताज का दीदार : शरद पूर्णिमा के लिए आज से ही करें ऑनलाइन बुकिंग, फीस सिर्फ 500 रुपये

UPT | शरद पूर्णिमा में करें ताज का दीदार

Oct 14, 2024 17:28

ताज का दीदार हो और चांदनी रात हो तो कहने ही क्या... चांदनी रात में ताज के दीदार के लिए लोग लालायित दिखाई देते हैं। प्रेमी जोड़े तो मानो चांदनी रात में ताज के दीदार के लिए दीवाने...

Agra News : ताज का दीदार हो और चांदनी रात हो तो कहने ही क्या... चांदनी रात में ताज के दीदार के लिए लोग लालायित दिखाई देते हैं। प्रेमी जोड़े तो मानो चांदनी रात में ताज के दीदार के लिए दीवाने होते हैं। शरद पूर्णिमा पर रात में चंद्रमा की किरणों से दमकते ताज के संगमरमरी हुस्न के दर्शन 15 से 19 अक्टूबर तक होंगे। कभी इसी शरद पूर्णिमा पर ताजमहल रात भर खुला रहता था, ताज में मेले जैसे हालात दिखाई देते थे। 
चंद्रमा की किरणों से दमकने लगता है ताजमहल शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की किरणों से ताजमहल का संगमरमरी हुस्न दमकने लगता है। इस बार शरद पूर्णिमा पर 15 से 19 अक्टूबर तक ताज का पर्यटक रात्रि दर्शन कर सकेंगे। बताते चलें कि ताज का रात्रि दर्शन करीब 5 दिन के लिए रहता है, लेकिन 18 अक्टूबर को शुक्रवार है, इस दिन ताजमहल बंद रहता है।    एक दिन में 400 पर्यटक ही ताजमहल का रात्रि दर्शन कर सकेंगे ताजमहल के रात्रि दर्शन के लिए 14 अक्टूबर को ऑनलाइन टिकट मिलनी शुरू हो जाएंगी। एक दिन में 400 पर्यटक ही ताजमहल का रात्रि दर्शन कर सकेंगे। ताजमहल का चांदनी रात्रि में दीदार रात करीब आठ से 12 बजे तक होता है, 50 - 50 के बैच से 400 पर्यटकों को ताजमहल में प्रवेश दिया जाता है और रात 12 बजे तक पर्यटकों को बाहर निकाल कर ताजमहल बंद कर दिया जाता है। विदेशी पर्यटकों के लिए रात्रि दर्शन की टिकट 750 रुपये और भारतीय पर्यटकों के लिए टिकट 510 रुपये फीस है और बच्चों के लिए यह 500 रुपये है।   कभी पूरी रात के लिए पर्यटकों के लिए खुलता था ताज यहां बताना आवश्यक है कि ताजमहल 1984 तक कभी पूरी रात के लिए पर्यटकों हेतु खुलता था, इसे ताजमहल का "चमकी दीदार" भी कहा जाता था। ताजमहल में चमकी के दीदार के लिए लोग दीवाने रहते थे लेकिन जब कभी चांदनी रात में बादल आ जाते थे तो रात रात भर पर्यटक बादलों के हटने और चंकी के दीदार के लिए इंतजार करते दिखाई देते थे।    बताते चलें कि कई दिन पहले तक बड़ी संख्या में आगरा में पर्यटक आ जाते थे, कई बार ऐसे मौके भी आते थे कि होटल फुल होने पर पर्यटकों को टेंट में रहना पड़ता था। रात में मेले जैसा नजारा हो जाता था लेकिन सुरक्षा कारणों से 1984 से 2004 तक ताजमहल का रात्रि दर्शन बंद रहा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2004 से सीमित समय यानी रात आठ से 12 बजे तक और 400 पर्यटकों के लिए ताजमहल का रात्रि दर्शन शुरू किया गया।

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