उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन का बड़ा कदम : 1525 करोड़ की परियोजना, 16 किमी एलिवेटेड ट्रैक और 14 स्टेशन का जल्द खुलेगा टेंडर  

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Jul 28, 2024 14:04

UPMRC के उप महाप्रबंधक (जनसंपर्क) पंचानन मिश्र ने बताया, "हम अब दूसरे कॉरिडोर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। एमजी रोड पर सात एलिवेटेड स्टेशन बनेंगे। आगरा कॉलेज स्टेशन पहले और दूसरे कॉरिडोर का जंक्शन बनेगा, जहाँ यात्री एक लाइन से दूसरी में आसानी से बदल सकेंगे...

Agra News : उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) आगरा में मेट्रो नेटवर्क के विस्तार की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। अगले सप्ताह, 16 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के लिए टेंडर खोला जाएगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 1525 करोड़ रुपये है।

UPMRC के उप महाप्रबंधक (जनसंपर्क) पंचानन मिश्र ने बताया, "हम अब दूसरे कॉरिडोर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। एमजी रोड पर सात एलिवेटेड स्टेशन बनेंगे। आगरा कॉलेज स्टेशन पहले और दूसरे कॉरिडोर का जंक्शन बनेगा, जहां यात्री एक लाइन से दूसरी में आसानी से बदल सकेंगे। केंद्रीय बजट में दूसरे कॉरिडोर के लिए 550 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

पहले कॉरिडोर पर चल रहा है काम
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की टीम ने पहले कॉरिडोर के सभी स्टेशनों पर काम शुरू कर दिया है जबकि दूसरे कॉरिडोर पर अभी काम शुरू नहीं हुआ है। दूसरे कॉरिडोर के 14 स्टेशनों का डेढ़ माह पूर्व टेंडर जारी हुआ था। यह टेंडर इसी सप्ताह खुलना था लेकिन किसी कारणवश अब इसे अगले सप्ताह खोला जाएगा। टेंडर खुलने के एक माह के बाद काम शुरू होगा। 14 मेट्रो स्टेशनों के निर्माण में 18 से 26 माह का समय लगेगा।

बन सकेंगे चार मंजिला मकान
केंद्रीय बजट में ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) पर भी फोकस किया गया है। 14 शहरों को शामिल किया गया है। जिन शहरों में मेट्रो का संचालन हो रहा है, उन सभी शहरों में टीओडी को लागू किया जा रहा है। राज्य सरकार ने दो साल पूर्व इसका प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे। यह प्रस्ताव एडीए द्वारा बनाया जा रहा है। इसमें मेट्रो ट्रैक के दोनों ओर 500-500 मीटर के दायरे में चार मंजिला मकान बन सकेंगे। मेट्रो ट्रैक के दोनों ओर यूपीएमआरसी और एडीए की अनुमति से भवन स्वामी एक से दो मंजिला बना सकेंगे।

इसके लिए एडीए में निर्धारित धनराशि जमा करनी होगी। नक्शा भी पास कराना होगा। एडीए में जमा धनराशि का कुछ हिस्सा मेट्रो सेस के रूप में यूपीएमआरसी को मिलेगा। इसके दायरे में तीस लाख की आबादी वाले क्षेत्र आ रहे हैं लेकिन जिन शहरों में मेट्रो का संचालन हो रहा है। उन सभी में इसे लागू करने की तैयारी चल रही है। 

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