नहर की पटरी टूटी : सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न, भारी नुकसान, लोगों ने खुद पटरी की मरम्मत करने में रातभर मेहनत की

UPT | नहर टूटने से खेतों में भरा पानी।

Nov 20, 2024 15:05

हाथरस के कोतवाली सहपऊ क्षेत्र के गांव नगला मनी में रजवाहा की पटरी कटने से सैकड़ों बीघा खेतों की आलू की फसल जलमग्न हो गई, जिससे किसानों को लाखों का नुकसान हुआ। किसानों ने रात भर पटरी को दुरुस्त किया, लेकिन तब तक उनकी फसल नष्ट हो चुकी थी।

Hathras News : हाथरस के कोतवाली सहपऊ क्षेत्र के गांव नगला मनी में रजवाहा की पटरी कटने से सैकड़ों बीघा खेतों की फसल जलमग्न हो गई, जिससे किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। यह घटना तब हुई जब सिंचाई विभाग द्वारा पीहुरा रजवाहा से पानी छोड़ा गया था। रात के समय रजवाहा की पटरी कटने से किसानों के खेतों में पानी भर गया, जिससे उनकी आलू की फसल पूरी तरह से डूब गई।



फसल के डूबने की खबर मिलने पर किसान रात भर रजवाहा की पटरी को दुरुस्त करने में जुटे 
फसल के डूबने की खबर मिलने पर किसान रात भर रजवाहा की पटरी को दुरुस्त करने में जुट गए। इन किसानों ने कई घंटे की मेहनत के बाद पटरी को ठीक किया, लेकिन तब तक उनकी सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो चुकी थी। इसमें लायक सिंह, बच्चू सिंह, धर्मवीर सिंह, रविंद्र सिंह, योगेंद्र सिंह, बालकिशन, ओमवीर, अमर सिंह समेत कई किसानों की आलू की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई।

सिंचाई विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया और इस बारे में सूचना दी
किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया और इस बारे में सूचना दी, लेकिन विभाग का कोई भी अधिकारी और कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण यह घटना घटी, क्योंकि रजवाहा की पटरी को सही समय पर दुरुस्त नहीं किया गया था। किसानों ने इस लापरवाही के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर दोषारोपण किया है और इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

किसानों का लाखों का नुकसान हुआ 
सैकड़ों बीघा फसल पानी में डूबने से किसानों का लाखों का नुकसान हुआ है। आलू की फसल इस समय किसानों की प्रमुख फसल है, लेकिन यह घटना उनकी मेहनत पर पानी फेर गई। अब किसानों को उम्मीद है कि प्रशासन इस घटना पर गंभीरता से ध्यान देगा और सिंचाई विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

किसानों का कहना है कि यदि समय रहते सिंचाई विभाग ने रजवाहा की पटरी की मरम्मत की होती तो यह नुकसान नहीं होता। अब किसानों को अपनी क्षति का मुआवजा मिलने की उम्मीद है, ताकि उनकी कुछ राहत मिल सके। 

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