हाथरस कोर्ट का बड़ा फैसला : मां के कातिल बेटे और साथी को उम्रकैद, दूसरे पक्ष को फंसाने के लिए किया मर्डर

UPT | हाथरस कोर्ट

Oct 24, 2024 10:46

हाथरस की अदालत ने एक ऐसे जघन्य अपराध में फैसला सुनाया है, जिसने मानवीय रिश्तों को शर्मसार कर दिया। एडीजे एफटीसी द्वितीय महेंद्र कुमार रावत की अदालत ने मां की हत्या के दोषी बेटे सत्यवीर और उसके साथी शाहिदा को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

Hathras News : उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में रिश्तों का कत्ल करने वाले आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। हाथरस कोर्ट ने आरोपी बेटे और उसके दूसरे साथी को मां की हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी ने अपने बेटे और दूसरे साथी के साथ मिलकर अपनी मां की हत्या की थी और रंजिश के चलते दूसरे पक्ष को फंसाने के लिए अपनी पत्नी पर भी हमला करवाया था।

ये था मामला
आपको बता दें कि सत्यवीर निवासी बिलखोरा थाना सासनी ने 16 मार्च 2015 को पुलिस को यह सूचना दी कि उसके परिवार की एक महिला के साथ कुछ लोगों ने रेप किया था। इन लोगों से उसकी रंजिश चल रही है। इन लोगों ने अब उनके घर में घुसकर महिलाओं पर हमला बोल दिया है। यह लोग राइफल,चाकू और तमंचे के साथ थे। इन लोगों ने उसकी मां सोनादेवी की हत्या कर दी है और उसकी पत्नी सत्यवती को गंभीर रूप से घायल कर दिया है।

 
जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच

उस समय पुलिस ने सोनादेवी के शव का पोस्टमार्टम कराया और घायल सत्यवती का उपचार कराया। इस मामले में सत्यवीर सिंह की तहरीर पर पुलिस ने अर्जुन सिंह, नाहर सिंह, सौरभ, गौरव, केपी, पवन निवासीगण बिलखोरा थाना सासनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने इस मामले की गंभीरता से जांच की तो सामने आया कि दूसरे पक्ष को फंसाने के लिए सत्यवीर ने अपने बेटे लोकेंद्र और शाहिदा पुत्र बाबू खां निवासी नगला भूरा थाना सासनी के साथ मिलकर अपनी मां की हत्या की थी। पत्नी पर भी हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। पुलिस ने इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इस दौरान एक नामजद आरोपी पवन की मौत हो गई थी।

अदालत का ऐतिहासिक फैसला
इस मामले की सुनवाई एडीजे एफटीसी द्वितीय महेंद्र कुमार रावत की अदालत में हुई। एक आरोपी लोकेंद्र अदालत में पेश नहीं हुआ, जिस पर अदालत ने उसकी फाइल अलग कर दी। इस मामले में सत्यवीर द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट में नामजद किए गए लोगों को अदालत ने बरी कर दिया। अदालत ने इस मामले में सत्यवीर और शाहिदा को आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर उन्हें अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा। अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी प्रतिभा राजपूत ने पैरवी की।

Also Read