राम मंदिर : पहली बार होगा झूलनोत्सव, भव्य आयोजन की तैयारियां जोरों पर

UPT | अयोध्या राम मंदिर

Aug 09, 2024 02:25

अयोध्या के राम मंदिर में इस बार पहली बार झूलनोत्सव की भव्य तैयारियाँ की जा रही हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारी इस प्रथम सांस्कृतिक उत्सव को यादगार बनाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर मंथन कर रहे हैं।

Ayodhya News : अयोध्या के राम मंदिर में इस बार पहली बार झूलनोत्सव की भव्य तैयारियाँ की जा रही हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारी इस प्रथम सांस्कृतिक उत्सव को यादगार बनाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर मंथन कर रहे हैं। हालांकि सुरक्षा कारणों से आम मंदिरों की तरह यहां उत्सव मनाना संभव नहीं है, लेकिन फिर भी प्राण-प्रतिष्ठा के बाद जिस तरह 48 दिनों तक रासोत्सव का आयोजन हुआ था, उसी तर्ज पर पुनः रासोत्सव का विचार चल रहा है।

झूलनोत्सव की योजनाएं
झूलनोत्सव की शुरुआत नाग पंचमी पर्व पर 09 अगस्त से होगी, जबकि रासोत्सव एकादशी से शुरू होकर पूर्णिमा तक चलेगा। इस दौरान देश के सिद्धहस्त कलाकार और शास्त्रीय संगीतज्ञ भाग लेंगे। झूलनोत्सव के पहले पंचमी से एकादशी के मध्य स्थानीय शास्त्रीय गायकों और मंदिर परम्परा के कलाकारों को भी अवसर देने की योजना बनाई गई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि राम मंदिर के साथ पूरे परिसर में अभी निर्माण कार्य चल रहा है और दर्शन भी हो रहा है। इन स्थितियों में किसी बहुत बड़े या व्यापक स्तर के कार्यक्रम का आयोजन संभव नहीं है। पूरे परिसर का निर्माण पूरा होने के बाद हर अवसर पर उत्सव मनाया जाएगा, लेकिन फिलहाल परम्परा का निर्वहन होता रहेगा।

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उत्सव की परम्परा
राम मंदिर में पूर्व से ही यह परम्परा रही है कि नाग पंचमी से झूलन उत्सव शुरू होता है। इसी परम्परा का पालन करते हुए इस वर्ष भी झूलनोत्सव शुक्रवार से शुरू हो जाएगा। इस बार उत्सव को भव्य और दिव्य बनाने के लिए विशेष तैयारी की जा रही है। रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास शास्त्री ने बताया कि पंचमी के पर्व पर भगवान की शृंगार आरती झूले पर ही होगी।

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रामलला के साथ-साथ भाईयों की प्रतिमा भी होगी विराजमान
राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित पर रामलला की प्रतिमा अपने आसन पर स्थिर रहेंगे और उनके स्थान पर विराजमान रामलला को उत्सव विभाग के रूप में झूले पर विराजित किया जाएगा। उनके साथ तीनों भाईयों भरत, शत्रुघ्न और लक्ष्मण की प्रतिमा भी झूले पर विराजित की जाएगी। पहले सुरक्षा के कारण और अदालती आदेश के चलते उत्सव की औपचारिकता ही पूरी की जाती थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है।

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सुरक्षा और आयोजन की भव्यता
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से उत्सवों में सुरक्षा के इंतजाम भी बढ़ाए गए हैं। तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय और अन्य पदाधिकारी मिलकर जैसे आयोजन चाहेंगे, वैसे ही उत्सव मनाया जाएगा। सभी की इच्छा है कि भगवान के उत्सव को भव्यता और दिव्यता के साथ मनाया जाए।

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