फ़र्जी डॉक्टर प्रकरण : लग्ज़री गाड़ियों का शौकीन है विनोद सिंह, शानो शौकत देख आश्चर्य में पड़ जाते विभागीय अफसर

UPT | फर्जी डॉक्टर विनोद कुमार सिंह

May 17, 2024 12:39

जिला चिकित्सालय में ह्रदय रोग विशेषज्ञ जैसे गम्भीर पदों पर नियुक्ति पाने वाला फर्जी डॉक्टर विनोद कुमार सिंह भले ही इस्तीफा देकर बड़ी चालाकी से भाग निकला हो लेकिन उसके रहन सहन और शानो शौकत की चर्चाओं का बाजार गरम

Short Highlights
  • कभी ऑडी तो कभी थार जैसी कीमती गाड़ियों से पहुंचता जिला अस्पताल
  • स्टॉफ के साथ ज्यादा नहीं रखता था मेलजोल जिससे हैसियत का नहीं लगा अंदाजा
Ayodhya News : जिला चिकित्सालय में ह्रदय रोग विशेषज्ञ जैसे गम्भीर पदों पर नियुक्ति पाने वाला फर्जी डॉक्टर विनोद कुमार सिंह भले ही इस्तीफा देकर बड़ी चालाकी से भाग निकला हो लेकिन उसके रहन सहन और शानो शौकत की चर्चाओं का बाजार गरम है। खास बात यह कि विभागीय लोगों से कभी घुला मिला नहीं जिससे उसकी हैसियत और घराने की जानकारी किसी को नहीं हो सकी। ऑडी, बीएमडब्ल्यू, थार जैसी महंगी गाड़ियों से चलने वाले  डॉक्टर विनोद के बाबत अब विभाग के लोग कुछ बताने से बचते नजर आ रहे हैं। ऑफ दी रिकॉर्ड ज़िला अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर का कहना था कि नॉर्मल तौर पर एक डॉक्टर अपने वेतन से ऑडी, BMW या थार जैसी गाड़ियों से चलने के लिए सौ बार सोचेगा। जहां तक डॉक्टर विनोद सिंह की बात है तो किसी बड़े घर के होने या गलत लोगों के सम्पर्क से कमाई करने का अंदाजा लगाया जाता रहा है। चूंकि अभी 3 से 4 माह पहले ही नियुक्ति हुई ऐसे में घनिष्ठता या सबकुछ जान लेना सम्भव नहीं वह भी तब जब अगला व्यक्ति एटिट्यूड में रहता हो।

 गौरतलब है कि जिला अस्पताल अयोध्या में करीब 4 माह पूर्व कार्डियोलॉजिस्ट पद पर डॉक्टर विनोद सिंह के नाम से तैनाती प्राप्त कर ली। यहां मानव सम्पदा पोर्टल पर इंट्री के दौरान ज्वाइनिंग के प्रमाणपत्रों के क्रमांक में गड़बड़ी पर जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ उत्तम कुमार ने वेतन आहरण पर रोक लगा दी। जिसके बाद  शनिवार 11 मई 24 को इस्तीफा देकर डॉक्टर विनोद कुमार सिंह भाग निकला। यहां से पहले वर्ष 2013 में बस्ती जिला अस्पताल में एमडी मेडिसिन की डिग्री पर गेंदा सिंह के नाम से सर्विस कर रहा था। जहां बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सत्यापन में फर्जी पाए जाने पर बस्ती जिला अस्पताल के तत्कालीन प्रमुख अधीक्षक डॉ पीके सिंह की तहरीर पर पुलिस ने 12 मई 2013 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

डॉ विनोद मामले में  उच्च अफसरों से मांगी गाइडलाइंस : प्रमुख अधीक्षक
जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. उत्तम कुमार का कहना है कि डॉक्टर विनोद का इस्तीफा उच्च अधिकारियों को भेजा गया है। चूंकि पीटू फॉर्म (मानव सम्पदा पोर्टल) भरने के लिए डॉक्टर विनोद ने जी कागजात उपलब्ध कराए उनके क्रमांक आदि मेल नहीं खाते थे। जिससे वेतन रोक दिया गया। प्रतिक्रिया में पिछले शनिवार यानी 11 मई को इस्तीफा देकर कहीं चले गए। इस्तीफा डीजी कार्यालय को भेज दिया गया है। आगे की विधिक कार्रवाई के लिए मार्ग दर्शन मांगा गया है। जो गाइड लाइंस मिलेगी उसके अनुसार कार्रवाई होगी। और आप लोगों (मीडिया) को जानकारी भी देंगे।

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