सप्तसागर कालोनी में बिना पूर्व सूचना के रविवार देर शाम नवनिर्मित भवन बुलडोजर लगाकर प्रशासन ने ढहा दिया था। इसे लेकर सियासत गर्मा गई है। सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने सड़क से संसद तक पीड़ित को न्याय दिलाने का ऐलान कर दिया...
Dec 26, 2024 14:04
सप्तसागर कालोनी में बिना पूर्व सूचना के रविवार देर शाम नवनिर्मित भवन बुलडोजर लगाकर प्रशासन ने ढहा दिया था। इसे लेकर सियासत गर्मा गई है। सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने सड़क से संसद तक पीड़ित को न्याय दिलाने का ऐलान कर दिया...
Ayodhya News : सप्तसागर कालोनी में बिना पूर्व सूचना के रविवार देर शाम नवनिर्मित भवन बुलडोजर लगाकर प्रशासन ने ढहा दिया था। इसे लेकर सियासत गर्मा गई है। सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने सड़क से संसद तक पीड़ित को न्याय दिलाने का ऐलान कर दिया है। इस मुद्दे को लेकर गुरुवार को सांसद अवधेश प्रसाद पीड़ित परिवार को साथ लेकर कमिश्नर से मिले। डीएम से मिलकर भी पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की। उनके साथ सपा ज़िलाध्यक्ष पारसनाथ यादव, महानगर महासचिव हामिद जाफर मीसम, उपाध्यक्ष चौधरी श्रीचंद यादव, युवजन सभा के प्रदेश सचिव राजू यादव आदि मौजूद रहे।
सप्तसागर पर बनी है पूरी कालोनी
अयोध्या नगरी के पौराणिक महत्व वाले सप्तसागर पर सैकड़ों घर बन गए हैं। पूरी कालोनी निर्मित होने से पूर्व स्थानीय नागरिकों ने सन् 2000 से सन् 2010 तक शासन-प्रशासन से सप्तसागर विकास समिति के बैनर तले संघंर्ष किया, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली और भ्रष्टाचार के चलते सप्तसागर समाप्त हो गया। फिलहाल सप्तसागर कालोनी में सैकड़ों भवन पिछले दस साल में बन चुके हैं। जिन्हें विकास प्राधिकरण ने बनने दिया। इसमें अधिकांश गेस्ट हॉउस व रेस्टोरेंट हैं। यहां शासन ने सीवर लाइन, विद्युत लाइन, नाली-नाले, सड़कें आदि बनवाया है। सप्तसागर विशाल क्षेत्र में फैला पौराणिक महत्व वाला तालाब था, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से कुछ भूमाफि ने इसकी पटाई कराकर प्लाटिंग करके सारी जमीन बेच दी। लोगों ने प्लाट खरीदकर आलीशान इमारतें बनवा लीं। सप्तसागर को बचाने व उसके सौन्दर्यीकरण के लिए अब प्रशासन व सरकार को तालाब बचाने की चिंता हुई है।
पीड़ित ने प्रशासन पर लगाए आरोप
उपजिलाधिकारी सदर विकास दुबे ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में रविवार शाम बुलडोजर से नवनिर्मित भवन ढहा दिया। भवन बनवाने वाले संतोष कुमार गुप्ता व उनकी पत्नी मनीषा गुप्ता ने सरकारी अमले से बार बार अनुरोध किया कि मैंने सन् 2018 में इस प्लाट को अयोध्या प्रसाद से खरीदा है। इसकी रजिस्ट्री होकर खारिज दाखिल हुई है। अयोध्या फैजाबाद विकास प्राधिकरण ने भवन मानचित्र स्वीकृत किया है। जिसके लिए तीन लाख रुपये जमा किये हैं। सारी प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद ही भवन बनवाना शुरू किया है। अभी 17 दिसम्बर को छत डलवाई है। जिला प्रशासन ने पहले क्यों नही रोका? बिना पूर्व सूचना दिये अचानक नवनिर्मित भवन बुलडोजर लगाकर गिरवाना शुरू कर दिया। इस मामले में उपजिलाधिकारी (सदर) विकास दुबे का कहना है कि सप्तसागर में जो मकान ध्वस्त किया गया है, वह गाटा संख्या 69 में है, जो राजस्व अभिलेखों में तालाब दर्ज है। तालाब में मकान बनवाना अवैध है, इसलिए इसे ढहाया गया है।
भूमाफिया और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत
कांग्रेस विचार विभाग के महासचिव अश्वनी सिंह ने अयोध्या के विकास प्राधिकरण और राजस्व विभाग की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा कि सरकारी जमीनों पर भूमाफिया और भ्रष्ट अधिकारियों का कब्जा बढ़ता जा रहा है। इससे आम जनता को भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से मकबरे के आसपास शिया समाज की ज़मीनों पर अवैध कब्जे हो रहे हैं। इन कब्जों की संख्या 247 तक पहुंच चुकी है। शिकायत भी कई बार हुई, जांच भी कई बार हुई है। प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, सब कुछ सही पाया गया, तब भी अवैध निर्माण को हटाने में जिला प्रशासन नाकाम क्यों है? उन्होंने सप्तसागर तालाब की ज़मीन पर भूमाफिया और भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत का भी आरोप लगाया। कहा कि जहां एक पीड़ित का मकान तोड़ा गया और जमीन पूरी तरह से बेच दी गई। इस मामले में आम जनता का कोई दोष नहीं है, बल्कि दोष उन अधिकारियों का है, जिन्होंने अवैध कब्जे करवा कर सरकार को भारी नुकसान पहुंचाया है।