अयोध्या में मठ-मंदिरों और कुंडों का जीर्णोद्धार : ‘राम राज्य’ की ओर बढ़ते कदम, यूपी सरकार का योगदान

UPT | अयोध्या में मठ-मंदिरों और कुंडों का जीर्णोद्धार

Oct 20, 2024 17:51

भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या, जो अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण पूरे विश्व में विख्यात है, अब एक बार फिर अपने प्राचीन वैभव की ओर लौट रही है।

Ayodhya News : भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या, जो अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के कारण पूरे विश्व में विख्यात है, अब एक बार फिर अपने प्राचीन वैभव की ओर लौट रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के मठ-मंदिरों और कुंडों के जीर्णोद्धार का बीड़ा उठाया है, जिससे यह पौराणिक नगरी अपने त्रेतायुगीन वैभव को पुनः प्राप्त कर रही है। मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में अयोध्या की ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण और विकास तेजी से किया जा रहा है, जिससे यह नगरी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के साथ आधुनिकता का भी एक आदर्श उदाहरण बनकर उभर रही है। 

500 वर्षों की उपेक्षा के बाद 'राम राज्य' का उदय
अयोध्या को सदियों से ‘सूर्यवंश की राजधानी’ और ‘सप्त पुरियों’ में अग्रणी माना गया है। यह नगरी अपने हर कण में भगवान श्रीराम की गाथा को संजोए हुए है। लेकिन पिछले 500 वर्षों में यह नगरी उपेक्षा का शिकार रही, जिससे इसके मंदिर और धरोहरें धीरे-धीरे जर्जर होती चली गईं। 2017 के पहले अयोध्या में मंदिरों और कुंडों की स्थिति बेहद दयनीय थी। सरयू नदी की निर्मल धारा, जो त्रेतायुग की गौरवमयी स्मृति थी, प्रदूषण की चपेट में आ चुकी थी। राम की पैड़ी, सूर्य कुंड और दशरथ महल जैसे ऐतिहासिक स्थल भी उपेक्षा और टूट-फूट का शिकार हो गए थे। लेकिन 2017 में जब योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाली, तो अयोध्या के पुनर्निर्माण और विकास की दिशा में अभूतपूर्व प्रयास किए गए। योगी सरकार ने अयोध्या के मठ-मंदिरों, कुंडों और ऐतिहासिक स्थलों के जीर्णोद्धार की शुरुआत की, जिससे इस नगरी का पुराना वैभव वापस लौटने लगा।

डबल इंजन सरकार का योगदान
योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार ने अयोध्या के विकास के लिए विशेष योजनाएं शुरू कीं। इन योजनाओं के तहत अयोध्या के कोने-कोने में सौंदर्यीकरण और विकास के कार्य किए जा रहे हैं। योगी सरकार के प्रयासों के चलते अयोध्या आज पौराणिक संस्कृति के संरक्षण और आधुनिक शहरी विकास का एक बेहतरीन उदाहरण बन रही है। केंद्र और राज्य सरकार की इस संयुक्त पहल को 'डबल इंजन' सरकार के नाम से पहचाना जा रहा है, जिसने अयोध्या के कायाकल्प का सपना साकार किया है।



मठ-मंदिरों का जीर्णोद्धार
अयोध्या के मठ-मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए योगी सरकार ने 68 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की हैं। इस परियोजना के तहत जानकी घाट, दशरथ भवन मंदिर, मंगल भवन, सियाराम किला, दिगंबर अखाड़ा, तुलसी चौराहा मंदिर, हनुमान मंदिर और अन्य कई मंदिरों का पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। इन मंदिरों को उनके प्राचीन स्वरूप में लौटाने के लिए विशेषज्ञों की टीम द्वारा विशेष देखरेख में काम किया जा रहा है। पुराने समय की तरह ही निर्माण में चूना, सुखी और पारंपरिक सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही, इन मंदिरों के आसपास के क्षेत्रों को भी विकसित किया जा रहा है, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। योगी सरकार के इस कदम ने अयोध्या के मठ-मंदिरों को न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि पर्यटन के नजरिए से भी एक प्रमुख केंद्र बना दिया है। आज अयोध्या के ये मंदिर न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि देश-विदेश के श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन गए हैं।

कुंडों का जीर्णोद्धार
भगवान श्रीराम के समय के कुंडों का धार्मिक और पौराणिक महत्व है। इन कुंडों में श्रीराम और उनके भाइयों ने स्नान किया था, जो आज भी सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए पूजनीय स्थल हैं। लेकिन 2017 के पहले इन कुंडों की स्थिति भी बेहद दयनीय थी। कई कुंड सूख चुके थे, जबकि कुछ में काई और कूड़ा जमा था, जिससे इनका जल आचमन योग्य नहीं रह गया था। योगी आदित्यनाथ ने इन कुंडों के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू कराया, जिससे अब तक 10 से अधिक प्रमुख कुंडों को फिर से विकसित किया जा चुका है। इन कुंडों को न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। इनमें से सूर्य कुंड विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जिसे पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान सूर्य भी आकर यहां ठहरे थे। सरयू घाट के किनारे बने इन कुंडों का विकास योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का हिस्सा है। इन कुंडों के जीर्णोद्धार के साथ ही यहां आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके। कुंडों के आसपास के क्षेत्रों में पार्कों का निर्माण, लेजर शो और अन्य मनोरंजन सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।

भव्य प्रवेश द्वार
अयोध्या में विभिन्न मार्गों पर भव्य प्रवेश द्वारों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे यह नगरी धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सके। इन द्वारों का निर्माण प्राचीन राजधानियों की तर्ज पर किया जा रहा है, जिससे अयोध्या धाम की भव्यता और दिव्यता को और भी बढ़ाया जा सके। लखनऊ से अयोध्या मार्ग पर श्रीराम द्वार, गोंडा से अयोध्या मार्ग पर लक्ष्मण द्वार, प्रयागराज से अयोध्या मार्ग पर भरत द्वार और अन्य मार्गों पर भी भव्य प्रवेश द्वारों का निर्माण हो रहा है।

सरयू घाट पर भजन संध्या स्थल
सरयू घाट पर बने आधुनिक भजन संध्या मंच को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त किया गया है। यहां पर पांच हजार से अधिक दर्शकों के बैठने की सुविधा है, और यह मंच अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन के लिए एक प्रमुख स्थल बन चुका है।

अयोध्या का कायाकल्प
योगी सरकार की इन परियोजनाओं के तहत अयोध्या का कायाकल्प हो रहा है। यह नगरी न केवल अपने प्राचीन वैभव को पुनः प्राप्त कर रही है, बल्कि आधुनिक शहरी विकास के नए प्रतिमान भी स्थापित कर रही है। अयोध्या का हर कोना अब भगवान श्रीराम की गाथा गा रहा है, और यह नगरी पूरे विश्व के लिए तमाम मायनों में एक अनुपम उदाहरण बन रही है।

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