सुल्तानपुर में सामूहिक विवाह मामले में बड़ा खुलासा : महिला दलाल और अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ फर्जी शादियों का खेल

UPT | mass marriage case

Aug 15, 2024 14:09

इस घोटाले में कई पहले से विवाहित महिलाओं को दोबारा शादी के मंडप में बिठाकर सरकारी अनुदान हासिल किया गया। योजना के तहत प्रत्येक जोड़े को 51,000 रुपये की राशि और घरेलू सामान...

Short Highlights
  • सामूहिक विवाह मामले में बड़ा खुलासा हुआ है
  • इस घोटाले में एक महिला दलाल की महत्वपूर्ण भूमिका
  • शादी में 69 जोड़े थे, लेकिन अधिकारियों ने 85 जोड़ों की सूची दी
Sultanpur News :  उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इस घोटाले में कई पहले से विवाहित महिलाओं को दोबारा शादी के मंडप में बिठाकर सरकारी अनुदान हासिल किया गया। योजना के तहत प्रत्येक जोड़े को 51,000 रुपये की राशि और घरेलू सामान दिया जाता है।

जांच के लिए बनाई गई तीन सदस्यीय समिति
इस मामले में प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए समाज कल्याण विभाग के सचिव और एडीओ को निलंबित कर दिया है। साथ ही, एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। जांच टीम द्वारा कुछ महिलाओं के बयान दर्ज किए जाने के बाद गांव में हड़कंप मच गया और लोग अपने घरों में ताला लगाकर फरार हो गए।

महिला दलाल महिलाओं को शादी के लिए करती थी तैयार
इस घोटाले में एक महिला दलाल की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। वह फर्जी विवाह के लिए युवतियों और महिलाओं को तैयार करती और उन्हें शादी के मंडप में बिठाती थी। अनुदान राशि और सामान मिलने के बाद वह गायब हो जाती थी। करीब 34 ऐसे मामले सामने आए हैं जहां दो-दो बच्चों की माताओं को इस योजना का लाभ दिलाया गया।



पूछताछ में सामने आई बात
जांच टीम जिसमें डीआरडीओ अभिषेक शुक्ला, जिला प्रशिक्षण ऑफिसर डॉ. संतोष गुप्ता और जिला दिव्यांगजन अधिकारी मुदित श्रीवास्तव आदि ने मंगलवार को महुली गांव का दौरा किया और वहां के निवासियों से पूछताछ की। ग्रामीणों ने बताया कि कंचन नाम की एक महिला दलाल के रूप में काम करती थी, जिसकी समाज कल्याण कार्यालय में अच्छी पहुंच थी। वह गरीब, पिछड़े और दलित वर्ग की महिलाओं को धन और सामान का लालच देकर फर्जी दुल्हन बनने के लिए राजी करती थी।

ऐसे हुआ मामले का खुलासा
इस घोटाले का खुलासा समाजसेवी प्रभात सिंह ने किया। उन्होंने बताया कि 4 मार्च को बल्दीराय ब्लॉक में हुई शादी में 69 जोड़े थे, लेकिन अधिकारियों ने 85 जोड़ों की सूची दी। जब उन्होंने जनसूचना के तहत विस्तृत जानकारी मांगी, तो यह धोखाधड़ी उजागर हुई। दरअसल, 11 और 12 जुलाई को बल्दीराय और कुड़वार ब्लॉक में कई जोड़ों की शादियां कराई गईं। इन कार्यक्रमों में सरकारी धन का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हुआ। कई ऐसे मामले सामने आए हैं जहां पहले से विवाहित और बच्चों की मां महिलाओं की शादी कराई गई।

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दोनों गांवों की सूची में दर्ज कई महिलाओं के नाम
महुली और भखरी गांवों में भी इस तरह की अनियमितताएं पाई गईं। कई महिलाओं के नाम दोनों गांवों की लाभार्थी सूची में दर्ज किए गए। ग्राम प्रधान प्रतिनिधियों ने इस बात की पुष्टि की कि इस बार सत्यापन प्रक्रिया में उनसे कोई जानकारी नहीं ली गई। जबकि नियमानुसार, आवेदनों का सत्यापन ब्लॉक विकास अधिकारी और ग्राम सचिव द्वारा किया जाना चाहिए था, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया। अब इस मामले की गहन जांच की जा रही है।

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