सीएम का निजी सचिव बनकर ठगी करने वाला गिरफ्तार : आजमगढ़ का फारूख लखनऊ से अरेस्ट, ऑनलाइन गैंबलिंग गिरोह का है सदस्य

UPT | सीएम का निजी सचिव बनकर ठगी करने वाला गिरफ्तार

Sep 15, 2024 00:44

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निजी सचिव बनकर ठगी करने वाले एक आरोपी को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के कमता इलाके से गिरफ्तार किया है।

Azamgarh News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निजी सचिव बनकर ठगी करने वाले एक आरोपी को यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के कमता इलाके से गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान आजमगढ़ जिले के निजामाबाद निवासी फारूख के रूप में हुई है। फारूख ऑनलाइन गैंबलिंग कराने वाले एक संगठित गिरोह का सदस्य भी बताया जा रहा है, जो प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराने और अधिकारियों से अनधिकृत पैरवी करने के नाम पर ठगी करता था।

कैसे करता था ठगी
फारूख खुद को मुख्यमंत्री का निजी सचिव बताकर फर्जी वॉट्सऐप अकाउंट के जरिए लोगों से संपर्क करता था। वह अधिकारियों के सीयूजी नंबर अपने वॉट्सऐप में जोड़ता और फिर प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराने का झांसा देकर लोगों से पैसे ऐंठता था। यूपी एसटीएफ को इस गिरोह की गतिविधियों की जानकारी मिल रही थी, जिसके बाद लखनऊ से फारूख को गिरफ्तार किया गया।

एसटीएफ की कार्रवाई
एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह की टीम ने इस पूरे मामले की गहन मॉनिटरिंग की। उन्हें सूचना मिली थी कि फारूख लखनऊ में मौजूद है और मुख्यमंत्री के निजी सचिव के प्रतिरूपण में शामिल गिरोह का सक्रिय सदस्य है। इसी सूचना के आधार पर फारूख को लखनऊ के कमता इलाके से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से दो मोबाइल फोन, आधार कार्ड, 1200 रुपये नकद और 48 वर्क प्रिंटआउट बरामद किए गए हैं।



कर्नाटक से बी. फार्मा किया है आरोपी ने  
पूछताछ के दौरान फारूख ने बताया कि उसने बी. फार्मा की पढ़ाई कर्नाटक से की है और 2021 से वह लाइव स्ट्रीमिंग और चैटिंग ऐप StreamKar से जुड़ा है। इस ऐप पर उसकी दो एजेंसियां हैं, जिनमें लगभग 125 होस्ट काम करते हैं। फरवरी 2024 में एक होस्ट ने फारूख को बताया कि ‘‘ठाकुर’’ नाम का व्यक्ति ऐप पर लड़कियों को क्वाइन गिफ्ट करता है और रिचार्ज कराता है। फारूख ने इस व्यक्ति से संपर्क किया, जिसने खुद को मुख्यमंत्री का निजी सचिव बताया और कहा कि वह किसी भी अधिकारी से बात कर किसी का काम करवा सकता है।

हवाला के जरिए ठगी
कुछ समय बाद फारूख ने कथित निजी सचिव से पिस्टल का लाइसेंस बनवाने की बात कही, जिस पर उसने डीएम से बात करके लाइसेंस बनवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद फारूख ने StreamKar ऐप पर उसकी आईडी पर क्वाइन रिचार्ज कर दिया, जिससे वह लालच में आ गया। कथित निजी सचिव ने फारूख से यह भी कहा कि वह हवाला के जरिए कुछ रुपये मंगवाना चाहता है, जिसके बाद फारूख ने उसे तकनीकी जानकारी दी और उसका वॉट्सऐप अकाउंट स्कैन करने का तरीका सिखाया।

कमीशन और ठगी का खेल
फारूख कथित निजी सचिव को अपने होस्टों की आईडी भेजता था, जिस पर वह क्वाइन सेंडिंग करता था। फारूख को रिचार्ज कराने और क्वाइन सेंडिंग पर 14 प्रतिशत कमीशन मिलता था, जबकि कम्पनी को 26 प्रतिशत और होस्ट को 60 प्रतिशत मिलता था। फारूख भी अपनी StreamKar ID पर क्वाइन गिफ्ट प्राप्त करता था और इसके बदले में तकनीकी सहायता प्रदान करता था।

पुलिस भर्ती का झांसा
26 जुलाई 2024 को कथित निजी सचिव ने अपने वॉट्सऐप स्टेटस पर पुलिस भर्ती से संबंधित एक स्टोरी लगाई थी, जिस पर फारूख ने उससे पूछा तो उसने बताया कि अगर किसी को भर्ती कराना हो तो वह 7 लाख रुपये में यह काम कर सकता है। फारूख इसी उद्देश्य से लखनऊ आया था, जब उसे गिरफ्तार किया गया।

गैंबलिंग एप और बड़ा कारोबार
फारूख ने बताया कि StreamKar एप पर ऑनलाइन गैंबलिंग होती है, जिसमें तीन पत्ती, टेजर हंट, अलीबाबा, डर्बी और फ्रूटलुक जैसे खेल शामिल हैं। इस ऐप का भारत में वार्षिक टर्नओवर लगभग 200 करोड़ रुपये है, और फारूख को 7 प्रतिशत कमीशन मिलता है। एसटीएफ ने आरोपी के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है और मामले में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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