बाढ़ के कारण 25 सड़कें क्षतिग्रस्त : टूट चुकी सड़कों की वजह से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा

UPT | नदियों में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई बलिया जनपद की सड़कें।

Sep 28, 2024 22:17

बलिया में गंगा और सरयू के बाढ़ से एनएच-31 सहित कुल 25 सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। बाढ़ का पानी कम होने पर सड़कों की स्थिति दिखने लगी है। बाढ़ खत्म होने के बाद गांव के लोगों को क्षतिग्रस्त सड़कों को लेकर भी काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है।

Ballia  News : जिले में हालिया बाढ़ के कारण गंगा और सरयू नदियों का जलस्तर बढ़ने से कुल 25 सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिनमें राष्ट्रीय राजमार्ग-31 (NH-31) भी शामिल है। बाढ़ का पानी उतरने के बाद अब सड़कों की हालत स्पष्ट रूप से सामने आ रही है, और ग्रामीण इलाकों में लोग टूट चुकी सड़कों की वजह से भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

जिले के बैरिया तहसील क्षेत्र में बाढ़ का प्रभाव सबसे अधिक रहा है, जहां कई सड़कें पूरी तरह से कट गई हैं। लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा बनाई गई कई सड़कें इस बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हाल ही में करीब 18 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई 25 सड़कें बाढ़ के कारण बर्बाद हो गईं। इसके साथ ही जल जीवन मिशन के काम के दौरान पहले से ही क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक किया जा रहा था, लेकिन बाढ़ के कारण इन सड़कों की हालत और भी खराब हो गई है।

प्रमुख सड़कों की स्थिति
बैरिया तहसील में स्थित गोपालनगर टांडी मार्ग, डुमाईगढ़ मार्ग, बिहार सीमा मार्ग, गोपालपुर-दुबेछपरा मार्ग, शिवपुर मार्ग, चांददियर-मांझी नई बस्ती मार्ग और दोकटी घाट मार्ग जैसी प्रमुख सड़कों पर बाढ़ के पानी ने बड़ा नुकसान पहुंचाया है। इन सड़कों की मरम्मत और पुनर्निर्माण की आवश्यकता है। लंबे समय तक पानी में डूबे रहने के कारण सड़कों पर गड्ढे और दलदल बन गए हैं, जिससे आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। अधिकांश सड़कें लोक निर्माण विभाग की हैं, और बाढ़ के बाद इनकी मरम्मत एक बड़ी चुनौती है।

बैरिया तहसील में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र
बैरिया तहसील क्षेत्र में सबसे अधिक सड़कों को नुकसान हुआ है। यहां के सुरेमनपुर-गोपाल नगर मार्ग का एक बड़ा हिस्सा सरयू नदी के बाढ़ के पानी में डूबा रहा, जिसके कारण यह मार्ग अब पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। स्थानीय लोगों को आने-जाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह सड़क एक सप्ताह तक पानी में डूबी रही, और अब पानी कम होने के बाद भी वहां कीचड़ और दलदल की स्थिति बनी हुई है। लोक निर्माण विभाग इस सड़क को फिलहाल आवागमन योग्य बनाने का काम कर रहा है, लेकिन लोगों की मांग है कि इसे स्थायी रूप से बेहतर बनाया जाए क्योंकि यह मार्ग बिहार राज्य से भी जोड़ता है।

अन्य प्रमुख मार्गों पर स्थिति
जयप्रकाशनगर ढ़ाला से भवन टोला जाने वाले मार्ग पर भी गंगा नदी का पानी भर गया था, जिससे यह मार्ग कई स्थानों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। इस मार्ग का उपयोग लोग गंगा स्नान के लिए टिपूरी घाट पर जाने के लिए करते हैं, लेकिन अब सड़क की स्थिति के कारण उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जब तक यह सड़क मरम्मत नहीं हो जाती, तब तक लोगों को वैकल्पिक रास्तों का सहारा लेना होगा।

पुनर्निर्माण कार्य
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता केशरी प्रसाद ने बताया कि सभी क्षतिग्रस्त सड़कों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। कुछ जगहों पर ग्रामीण सड़कें पूरी तरह से कट गई हैं और लंबी दूरी तक पुनर्निर्माण की आवश्यकता है। पहले चरण में बाढ़ का पानी पूरी तरह से कम होने के बाद उन सड़कों को अस्थायी रूप से आवागमन योग्य बनाया जाएगा। उसके बाद मानक के अनुसार स्थायी मरम्मत कार्य किया जाएगा ताकि लोगों को फिर से उन सड़कों का इस्तेमाल करने में कोई परेशानी न हो। बाढ़ के कारण न केवल सड़कों का भारी नुकसान हुआ है, बल्कि इसने ग्रामीण जीवन को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। 

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