Ballia News : माताओं ने पुत्र की दीर्घायु के लिए रखा निर्जला उपवास, जिउतिया पूजा का आयोजन

UPT | जीवित्पुत्रिका व्रत: पुत्र की दीर्घायु के लिए महिलाओं ने रखा निर्जला उपवास तथा कथा सुनती महिलाएं।

Sep 25, 2024 20:23

पुत्र की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और परिवार में सुख-समृद्धि की कामना के लिए महिलाओं ने बुधवार को निर्जला उपवास रखा। यह पूजा, जिसे जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से जाना जाता है...

Ballia News : पुत्र की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और परिवार में सुख-समृद्धि की कामना के लिए महिलाओं ने बुधवार को निर्जला उपवास रखा। यह पूजा, जिसे जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से जाना जाता है, प्रकृति से जुड़ी एक महत्वपूर्ण लोक परंपरा का उत्सव है। इस अवसर पर क्षेत्र में उत्साह का माहौल देखने को मिला, खासकर प्रमुख गंगा घाटों पर, जहां महिलाएं पूजा के लिए नदी तट की ओर जाती नजर आईं। सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस ने सभी प्रमुख घाटों पर तैनाती की थी और अधिकारी भी वहां चक्रमण करते रहे।

जीवित्पुत्रिका व्रत का आयोजन
अश्विन माह के कृष्ण पक्ष के सातवें से नौवें चंद्र दिवस तक मनाए जाने वाले जिउतिया पूजा का आयोजन पूरे जनपद में आस्था और निष्ठा के साथ किया गया। महिलाओं ने पूजा-अर्चन के बाद जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा सुनी। इस दौरान महिलाएं जिउतिया से जुड़े पारंपरिक गीत गाते हुए नृत्य कर रही थीं और जागरण का आयोजन किया।

जागरूकता और उत्साह
जिउतिया व्रत की धूमधाम में महिलाएं भगवान जीमूतवाहन के साथ चील और सियारिन की भी पूजा करती हैं। मिट्टी की सियारिन और चील बनाकर उन्हें पूजा के दौरान चूड़ा और दही का प्रसाद चढ़ाया गया। मान्यता है कि कुश से बनाए गए जीमूतवाहन को पानी में डालकर बांस के पत्ते, चंदन और फूलों से पूजा करने पर वंश की वृद्धि होती है।



पारंपरिक पूजा विधि
पूजा के लिए गंगा घाटों पर महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी जाम की स्थिति बन गई। व्रती महिलाओं को गंगा घाट पर लाने और ले जाने के लिए लोगों ने छोटे और बड़े वाहनों का सहारा लिया, जिसके चलते मार्ग पर भीड़ लग गई। इस परंपरा ने एक बार फिर माताओं की श्रद्धा और भक्ति को प्रदर्शित किया, जो अपने पुत्रों की दीर्घायु और कल्याण के लिए इस उपवास में संलग्न रहीं।

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