बरेली डीएम की बड़ी कार्रवाई : असलहा बाबू नरेंद्र प्रताप निलंबित, आदेशों की अनदेखी और फाइलों में देरी का आरोप

UPT | जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय

Nov 05, 2024 17:25

शस्त्र और पटाखा लाइसेंस में गड़बड़ी के आरोप में कलेक्ट्रेट के असलहा बाबू प्रथम नरेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ बरेली के डीएम रविन्द्र कुमार ने बड़ी कार्रवाई की है।

Bareilly News : बरेली के डीएम रविन्द्र कुमार ने शस्त्र और पटाखा लाइसेंस में गड़बड़ी के आरोप में कलेक्ट्रेट के असलहा बाबू प्रथम नरेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ कार्रवाई की है। आरोप है कि डीएम के आदेश की अनदेखी और लाइसेंस प्रक्रियाओं में उन्होंने देरी की थी। इससे पहले उन्हें उनके पद से हटाया गया था। मगर, अब निलंबन का आदेश जारी किया गया है। इसके साथ ही नरेंद्र प्रताप सिंह पर आरोप है कि उन्होंने विरासत और पटाखा लाइसेंसों के रिन्युवल से जुड़ी कई फाइल दबाए रखी थीं। उनमें आवश्यक कार्रवाई नहीं की। डीएम के आदेश में कहा गया है कि यह लापरवाही शासकीय कर्तव्यों की अनदेखी और उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना है।

डीएम को निरीक्षण में मिलीं खामियां
बरेली के डीएम रविन्द्र कुमार ने 27 सितंबर को शस्त्र अनुभाग का औचक निरीक्षण किया था। इसमें थाना-वार विरासत रजिस्टरों की जांच की गई। निरीक्षक में पाया गया कि 12 आवेदन थे। इन पर पुलिस और तहसील रिपोर्ट पहले ही आ चुकी थी। मगर, उन पर आगे की कार्रवाई नहीं की गई। पिछले एक साल में नरेंद्र प्रताप को कई बार मौखिक रूप से निर्देश दिए गए थे कि रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद फाइलों पर तुरंत कार्रवाई की जाए, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके अलावा जांच में यह भी पाया गया कि कई पटाखा लाइसेंस धारकों के आवेदन जैसे नदीम, संदीप, सुरजीत और दिनेश कुमार के लाइसेंस संस्तुति के बाद भी निरस्त नहीं किए गए। कुछ लाइसेंस धारक, जैसे मो. फिरोज, राशिद हुसैन और जुनैद खां ने नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया था, लेकिन उनके लाइसेंस रद्द नहीं किए गए। मगर, पंकज खंडेलवाल, राजू अहमद, वीरपाल सिंह और अन्य के आवेदन पर रिपोर्ट नहीं आई थी। इसके बाद भी संबंधित विभागों को रिमाइंडर भी नहीं भेजा गया।


महंगाई भत्ते पर रोक
डीएम के निलंबन के बाद नरेंद्र प्रताप सिंह को वित्तीय नियमों के तहत जीवन निर्वाह भत्ते के रूप में अर्द्धवेतन दिया जाएगा, लेकिन इस पर महंगाई भत्ता नहीं मिलेगा। डीएम के आदेश में एडीएम सिटी की निरीक्षण रिपोर्ट का भी उल्लेख है। इसमें यह पाया गया कि पटाखा लाइसेंस के नवीनीकरण की प्रक्रिया लंबित रही। क्योंकि, कई लाइसेंस संस्तुति न होने के बाग भी निरस्त नहीं किए गए। इससे फाइलें अनावश्यक रूप से लंबी अवधि तक रुकी रहीं।

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आवेदकों की फाइल अटकाने का आरोप
प्रशासन की जांच में यह भी पाया गया कि शहर के बिथरी, बारादरी, सुभाषनगर, इज्जतनगर, किला, सीबीगंज और प्रेमनगर के कई आवेदकों की फाइलें बिना कार्रवाई के दबाए रखी गईं। इनमें रुपेंद्र सिंह, सत्यपाल, शाहरेज खां, शिवम मिश्रा, उज्जवल, सौरभ शर्मा और अन्य के नाम शामिल हैं। इसके साथ ही अन्य मामलों में भी जांच चल रही है।
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