Bareilly News : प्राइवेट हॉस्पिटल के डॉक्टर पर मरीज से अभद्रता का आरोप, बोले- आयुष्मान कार्ड से नहीं हो सकता इलाज, वीडियो वायरल

UPT | वायरल वीडियो का फोटो

Nov 15, 2024 20:35

बरेली में एक निजी अस्पताल के डॉक्टर पर मरीज के साथ अभद्रता का आरोप लगा है। आरोप है कि डॉक्टर ने आयुष्मान भारत योजना के तहत...

Bareilly News : यूपी के बरेली में एक निजी अस्पताल के डॉक्टर पर मरीज के साथ अभद्रता का आरोप लगा है। आरोप है कि डॉक्टर ने आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज करवाने आए मरीज को न केवल अपमानित किया, बल्कि उसे यह कहकर इलाज से मना कर दिया कि आयुष्मान कार्ड से अस्पताल में इलाज संभव नहीं है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसके बाद जांच पड़ताल शुरू हो गई है। इससे मोदी सरकार की महात्वाकांक्षी और आम आदमी के इलाज के लिए रामबाड़ आयुष्मान योजना की साख पर सवाल उठने लगे हैं। 



डॉक्टर मरीज और तीमारदार से बोले, तुम्हें फ्री इलाज नहीं मिलेगा
शहर के दीपमाला हास्पिटल के डॉक्टर सोमेश मेहरोत्रा ने आयुष्मान योजना पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने मरीज और उसके तीमारदार से कहा कि तुम्हें फ्री (आयुष्यमान योजना) में इलाज नहीं मिलेगा। सरकारी अस्पताल में जाकर चूरन-चटनी की गोली खा लो।” छह हजार रुपये का इंजेक्शन 2200 रुपये में कहां से लगा दूं। यह कहते हुए डॉक्टर और उनके स्टाफ ने आयुष्मान कार्डधारक से अभद्रता की। उसे आईसीयू से धक्के देकर बाहर निकालने का भी आरोप है। 

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सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल 
एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है। इसमें मरीज और उसके परिजन अस्पताल पहुंचे हैं। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज की मांग की। आरोप है कि डॉक्टर ने मरीज के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया और कहा कि उनके अस्पताल में आयुष्मान कार्ड मान्य नहीं है। मरीज के परिजनों ने इस घटना का वीडियो बना लिया, जिसमें डॉक्टर मरीज को तीखे शब्दों में जवाब देते और इलाज से मना करते हुए दिख रहे हैं। वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर यह मामला चर्चा का विषय बन गया। कई लोगों ने डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन की आलोचना की और इसे गरीब मरीजों के अधिकारों का हनन बताया। वायरल वीडियो में डॉक्टर की कथित टिप्पणी ने आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन और अस्पतालों की जवाबदेही पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

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आयुष्मान योजना के तहत इलाज का नियम
आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब और जरूरतमंद परिवारों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्रदान किया जाता है। इस योजना में शामिल अस्पतालों को पात्र मरीजों का इलाज मुफ्त में करना होता है। हालांकि, कई निजी अस्पताल योजना के तहत मरीजों को इलाज देने से मना कर देते हैं या किसी बहाने से टालते हैं।

अस्पताल प्रशासन का बयान
मामले को तूल पकड़ता देख अस्पताल प्रशासन ने बयान जारी किया है। प्रशासन ने कहा कि वीडियो की जांच की जा रही है और डॉक्टर से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा गया है। अस्पताल ने यह भी दावा किया कि आयुष्मान योजना के तहत इलाज के लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी नहीं की गई थी, जिसके कारण मरीज को मना किया गया।

मरीज और परिजनों की मांग
मरीज और उसके परिजनों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि दोषी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि अस्पताल में आयुष्मान कार्ड धारकों को इलाज से वंचित न किया जाए। उन्होंने कहा कि गरीब मरीज पहले ही आर्थिक तंगी झेल रहे हैं, ऐसे में उन्हें इस तरह की अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा, जो अस्वीकार्य है।

जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की प्रतिक्रिया
जिला प्रशासन ने मामले का संज्ञान लिया है और स्वास्थ्य विभाग को जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा है कि अगर अस्पताल ने आयुष्मान भारत योजना के नियमों का उल्लंघन किया है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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