पारंपरिक कुश्ती को मिली नई पहचान : दिग्गज पहलवानों ने दिखाए दांवपेच, इमरान बने चैंपियन

UPT | दंगल में दांव दिखाते पहलवान

Dec 29, 2024 00:27

इस आयोजन में बरेली के मशहूर अखाड़े में कुश्ती के कई रोमांचक मुकाबले देखने को मिले। यहां "रामपुर का काला कोबरा" और "राजस्थान का तूफान" जैसे प्रसिद्ध पहलवानों ने अपनी ताकत और दांव-पेच का प्रदर्शन किया...

Bareilly News : यूपी के बरेली देहात की नगर पंचायत सिरौली में उर्स के अवसर पर एक शानदार दंगल का आयोजन किया गया। इस आयोजन में बरेली के मशहूर अखाड़े में कुश्ती के कई रोमांचक मुकाबले देखने को मिले। यहां "रामपुर का काला कोबरा" और "राजस्थान का तूफान" जैसे प्रसिद्ध पहलवानों ने अपनी ताकत और दांव-पेच का प्रदर्शन किया। अखाड़ा दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था और यह आयोजन जोश से भरा हुआ था। इस दंगल का सबसे बड़ा मुकाबला रामपुर के "काला कोबरा" और बहादुरगढ़ के शाहिद के बीच हुआ, जिसमें काला कोबरा ने पहले से ही जीत की उम्मीदें जगी थीं।

काला कोबरा ने दी चुनौती
यहां काला कोबरा ने शुरुआती दौर में शाहिद को चुनौती दी और अपने ताकतवर दांव से मुकाबले में बढ़त बनाई, लेकिन शाहिद ने चतुराई और फुर्ती से मुकाबला पलट दिया। शाहिद ने अपनी विशेष "गोल्डन दांव" का इस्तेमाल करते हुए काला कोबरा को अखाड़े में चित कर दिया। इस रोमांचक मुकाबले ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया और शाहिद की जीत ने उनकी कुश्ती की बेहतरीन रणनीति को साबित किया।



दर्शकों ने बढ़ाया उत्साह
एक अन्य मुकाबला बरेली के इमरान और राजस्थान के "तूफान" के बीच हुआ, जिसमें इमरान ने तूफान को जोरदार चुनौती दी। तूफान ने मुकाबले की शुरुआत आक्रामक तरीके से की, लेकिन इमरान की रणनीति ने उसे मात दी। इमरान ने तूफान को अखाड़े में धूल चटाते हुए अपनी शानदार जीत दर्ज की। इस जीत के बाद दर्शकों ने इमरान का उत्साह बढ़ाया और अखाड़ा "इमरान-इमरान" के नारों से गूंज उठा।

भूरा और बाबल के बीच हुआ मुकाबला
वहीं इस दंगल में मेरठ के भूरा पहलवान ने कानपुर के बाबल को मात दी। यह मुकाबला भी काफी रोमांचक था और भूरा ने बाबल को चित कर दिया। इस आयोजन का उद्देश्य पारंपरिक कुश्ती को बढ़ावा देना और स्थानीय प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करना था। आयोजकों ने बताया कि इस तरह के आयोजनों से ग्रामीण खेलों को एक नई पहचान मिलती है और युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है। जीतने वाले पहलवानों को नकद पुरस्कार, शील्ड और सम्मान पत्र दिए गए।

पारंपरिक खेलों को फिर से जीवित करने का उद्देश्य
दंगल के आयोजक ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करना है और कुश्ती के गौरव को बनाए रखना है। इमरान ने अपनी जीत के बाद कहा कि यह सफलता उनके गुरु और कड़ी मेहनत का परिणाम है। आयोजकों ने यह भी घोषणा की कि भविष्य में ऐसे दंगल नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे, ताकि नई पीढ़ी के बीच कुश्ती को और भी लोकप्रिय बनाया जा सके। यह दंगल न केवल रोमांच और उत्साह से भरपूर था, बल्कि बरेली की मिट्टी में पहलवानी की परंपरा को भी जीवित रखने का एक सफल प्रयास साबित हुआ।

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