फर्जी वीजा और खुली सीमा : आतंकियों के लिए बना सुरक्षित ठिकाना, पीलीभीत और लखीमपुर में सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती

UPT | आतंकियों के लिए बना सुरक्षित ठिकाना

Dec 26, 2024 11:40

पीलीभीत और लखीमपुर जिलों के कुछ हिस्से नेपाल सीमा से जुड़े हुए हैं। जहां से आवाजाही बिना किसी रोक-टोक के जारी रहती है। यह सीमा आतंकियों और अपराधियों के लिए एक बड़ी राहत बन चुकी है।

Pilibhit News : पीलीभीत और लखीमपुर जिलों में आतंकियों और कुख्यात अपराधियों के सक्रिय होने की चिंता बढ़ रही है। यह क्षेत्र नेपाल की खुली सीमा और तराई के शांत इलाकों से सटा हुआ है। जो आतंकियों और अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन चुका है। इन इलाकों में हाल ही में फर्जी वीजा के मामलों में भी वृद्धि देखी गई है। जिससे न केवल आम लोगों को ठगी का शिकार बनाया गया है, बल्कि अपराधियों और आतंकियों के दूसरे देशों में भागने की साजिशें भी सामने आई हैं।

आतंकियों के लिए सुरक्षित पनाह
पीलीभीत और लखीमपुर जिलों के कुछ हिस्से नेपाल सीमा से जुड़े हुए हैं। जहां से आवाजाही बिना किसी रोक-टोक के जारी रहती है। यह सीमा आतंकियों और अपराधियों के लिए एक बड़ी राहत बन चुकी है, जहां वे बिना किसी सरकारी निगरानी के भारत से नेपाल और नेपाल से भारत के बीच आ-जा सकते हैं। इन क्षेत्रों में हाल में कई अपराधी पकड़े गए हैं। जिनमें से मार्च में माधोटांडा के शाहगढ़ में गैंगस्टर राजेश डोगरा के हत्यारोपी और लखीमपुर के बॉर्डर इलाके से लेडी डॉन अन्नू धनखड़ को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा, कई बार सुरक्षा एजेंसियों ने छापेमारी भी की है, लेकिन खुले सीमा से बेरोक-टोक आवाजाही जारी है।


फर्जी वीजा के खेल में घोटाले
जिले में फर्जी वीजा के मामलों ने नई चिंता उत्पन्न कर दी है। जालसाजों ने आम लोगों को धोखा देकर उन्हें दूसरे देशों में भेजने का झांसा दिया और भारी रकम ठग ली। हाल में हुए कुछ प्रमुख मामलों की जांच से यह साफ हुआ है कि फर्जी वीजा के जरिए लोगों को यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड भेजने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की गई।

अमर सिंह की कहानी : पलिया के सुभाषनगर निवासी अमर सिंह को जालसाजों ने यूरोप भेजने का झांसा दिया और उससे 5.50 लाख रुपये लेकर जार्जिया का फर्जी वीजा बना दिया। अमर सिंह जार्जिया एयरपोर्ट पर पहुंचने पर वापस भेज दिए गए। उन्होंने हाल में पूरनपुर के आईलेट संचालक के खिलाफ केस दर्ज कराया।

सुखदेव सिंह का ठगी का शिकार होना : उत्तराखंड के सितारगंज निवासी सुखदेव सिंह ने 17 नवंबर को गजरौला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोप है कि जालसाजों ने उनके बेटे को ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर करीब 20 लाख रुपये ठगे और मोबाइल पर फर्जी वीजा भेज दिया।

राममिलन का इंग्लैंड वीजा घोटाला : लालपुर ताल्लुके-माधोटांडा निवासी राममिलन ने फरवरी 2024 में एक प्रार्थनापत्र दिया, जिसमें कहा कि आईलेट सेंटर संचालक ने उन्हें स्टडी वीजा पर ऑस्ट्रेलिया भेजने के नाम पर 17.95 लाख रुपये लिए और इंग्लैंड का फर्जी वीजा दे दिया। तुर्की में जब वह इंग्लैंड जाने के लिए पहुंचे, तो उन्हें एयरपोर्ट पर रोक लिया गया और फर्जी वीजा के कारण उन्हें वापस भेज दिया गया।

आतंकियों के फर्जी वीजा और पासपोर्ट से भागने की साजिश
फर्जी वीजा के मामले केवल आम लोगों तक ही सीमित नहीं हैं। अब सवाल उठ रहा है कि क्या आतंकियों ने अपने स्थानीय कनेक्शन की मदद से फर्जी वीजा बनवाकर दूसरे देशों में भागने की योजना बनाई थी। यह आशंका इसलिए जताई जा रही है क्योंकि पूरनपुर क्षेत्र में हाल में तीन खालिस्तानी आतंकियों के बारे में चर्चा हो रही है, जो संभवतः अपने फर्जी आधार कार्ड के माध्यम से पासपोर्ट और वीजा हासिल कर सकते थे।आतंकियों के ठिकानों का पता लगाने के लिए पुलिस की टीमें सक्रिय हैं। हाल ही में मुठभेड़ के दौरान आतंकियों के पास से एक चोरी की बाइक बरामद हुई थी। जो पूरनपुर से चुराई गई थी। इस तथ्य ने यह संदेह गहरा दिया कि आतंकियों ने इस क्षेत्र में शरण ली थी। पुलिस अब इन आतंकियों के ठिकानों का पता लगाने के लिए महत्वपूर्ण सुरागों की तलाश कर रही है।

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