बरेली में छह महीने बाद लौटे परिवार तो छलक आए आंसू : गौसगंज बवाल के बाद पलायन कर गए थे, एहतियात को पुलिस रखेगी निगाह

UPT | गांव में जुटी पुलिस और प्रशासन के अधिकारी

Dec 25, 2024 00:07

बरेली देहात के शाही थाना क्षेत्र के गौसगंज गांव में छह महीने बाद अपने घर लौटे परिवारों की आंखों में उस वक्त आंसू छलक आए। वह जब वह घरों में पहुंचे, तो उनके परिवार के मुखिया नहीं थे। यहां के अधिकांश लोग जेल में हैं। इसके साथ ही घर भी बदहाल थे। गांव में 19 जुलाई 2024 को मुहर्रम के बाद चुनावी रंजिश में सांप्रदायिक तनाव हो गया था।

Bareilly News : यूपी के बरेली देहात के शाही थाना क्षेत्र के गौसगंज गांव में छह महीने बाद अपने घर लौटे परिवारों की आंखों में उस वक्त आंसू छलक आए। वह जब वह घरों में पहुंचे, तो उनके परिवार के मुखिया नहीं थे। यहां के अधिकांश लोग जेल में हैं। इसके साथ ही घर भी बदहाल थे। गांव में 19 जुलाई 2024 को मुहर्रम के बाद चुनावी रंजिश में सांप्रदायिक तनाव हो गया था। इसमें गांव से एक विशेष समुदाय के लोग दहशत में पलायन कर गए थे। मगर, अब प्रशासन की पहल पर इन परिवारों की वापसी सुनिश्चित की गई है। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 16 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 

अस्थाई पुलिस चौकी और डेढ़ सेक्शन पीएसी 
अफसरों ने गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना की निगरानी के लिए 16 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। गांव में अस्थाई पुलिस चौकी स्थापित कर दो उप निरीक्षक और चार सिपाही तैनात किए जाएंगे। यह चौकी जल्द कार्यशील होने की बात सामने आएगी। डेढ़ सेक्शन पीएसी भी लगाई गई है। प्रशासन ने गांव में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने के लिए दोनों समुदायों के बीच बैठक भी आयोजित की। बताया जाता है कि पलायन करने वाले परिवारों को चरणबद्ध तरीके से उनके घरों में बसाने की प्रक्रिया शुरू की है।

छह परिवार किए शिफ्ट
सीओ सिटी पंकज कुमार और सीओ मीरगंज गौरव कुमार ने बैठक करने के बाद छह परिवारों को चिन्हित किया है। इनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं था। इनमें अख्तर अली, रुखसाना, फरजाना, फरीदन, साहिल और तस्लीम के परिवार शामिल थे, जो पुलिस सुरक्षा में फिर गौसगंज लौट आए। सभी परिवारों के घरों के बाहर पुलिस कर्मियों की भी तैनाती की गई है। इस दौरान सीओ पंकज कुमार, सीओ गौरव कुमार, उप जिलाधिकारी तृप्ति गुप्ता और सिटी मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला भी मौजूद रहे। 19 जुलाई को सांप्रदायिक बवाल में पूर्व प्रधान हीरालाल के घायल पुत्र तेजपाल की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।

50 नामजद और 15 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर 
इस बवाल में काफी लोग घायल हुए थे। इस मामले में दर्ज मुकदमें में 50 नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी। इसमें कई आरोपी अब भी जेल में हैं। यह परिवार छह महीने से शहर में सड़कों के किनारे और गांवों के बाहर गुजर बसर कर रहे थे।

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