महायोजना-2031 : शाहजहांपुर में सुनियोजित विकास की दिशा में कदम, अब शहर का होगा व्यवस्थित विस्तार

UPT | महायोजना-2031

Sep 23, 2024 14:49

शाहजहांपुर शहर के विकास को नई दिशा देने के लिए महायोजना-2031 को आखिरकार मंजूरी मिल गई है। 20 सितंबर से इस महायोजना को लागू कर दिया गया है, जिससे शहर का विकास अब एक सुनियोजित ढंग से हो सकेगा।

Shahjahanpur News : शाहजहांपुर शहर के विकास को नई दिशा देने के लिए महायोजना-2031 को आखिरकार मंजूरी मिल गई है। 20 सितंबर से इस महायोजना को लागू कर दिया गया है, जिससे शहर का विकास अब एक सुनियोजित ढंग से हो सकेगा। महायोजना के तहत शहर में बुनियादी ढांचे, कॉलोनियों के निर्माण, और भवन निर्माण के लिए नए मानकों का पालन अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे शहरीकरण में बेहतरी लाई जा सकेगी।

महायोजना की तैयारियां और लागू होने की प्रक्रिया
शाहजहांपुर में महायोजना को लेकर जुलाई 2022 से तैयारियां शुरू हो गई थीं। शहर के नक्शे को बनाकर सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शित किया गया था ताकि लोग इस योजना को देख और समझ सकें। इसके बाद, प्रशासन ने महायोजना की रिपोर्ट शासन को भेजी थी, जिसे अब शासन की मंजूरी मिल गई है। इसके बाद, कलक्ट्रेट स्थित विनियमित कार्यालय में महायोजना का नया नक्शा भी जल्द ही लगाया जाएगा, जिससे नागरिकों को योजना के विस्तार और संबंधित क्षेत्रों की जानकारी मिल सके।

महायोजना के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र
महायोजना के तहत शहर के विभिन्न मार्गों और क्षेत्रों का विस्तार किया गया है। इसमें सीतापुर मार्ग पर जमुका गांव तक, बरेली मार्ग पर रहमाननगर उर्फ खाई खेड़ा तक, हरदोई मार्ग पर रौसर और चौढ़ेरा तक, पीलीभीत मार्ग पर सतवां खुर्द तक, मोहम्मदी मार्ग पर हथौड़ा गांव के आगे तक, जलालाबाद मार्ग पर धरनीधरपुर तक, और पुवायां मार्ग पर पैना बुजुर्ग के पास रिंग रोड तक विस्तार किया गया है। इस विस्तार से शाहजहांपुर का शहरी क्षेत्र अब और अधिक व्यापक और व्यवस्थित हो सकेगा।



नई कॉलोनियों के लिए नियम और मानक
महायोजना-2031 के तहत नई कॉलोनियों के विकास के लिए सख्त मानकों को लागू किया गया है। कॉलोनियों में कम से कम 9 मीटर चौड़ी सड़कें अनिवार्य होंगी। इसके अलावा, 15 प्रतिशत भूमि को पार्क के लिए आरक्षित किया जाना आवश्यक होगा। कॉलोनियों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लिए भी भूखंड आरक्षित करने का प्रावधान है। इसके तहत 10 प्रतिशत भूमि ईडब्ल्यूएस के लिए और 10 प्रतिशत भूमि एलआईजी के लिए छोड़ी जाएगी।

भवन निर्माण के लिए कड़े नियम
औद्योगिक और व्यावसायिक भवनों का निर्माण भी अब लेआउट की मंजूरी के बिना नहीं किया जा सकेगा। किसी भी व्यावसायिक भवन के निर्माण में कुल स्थान का 40 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र नहीं लिया जा सकेगा और पार्किंग के लिए भी जगह छोड़नी होगी। यदि इन मानकों का पालन नहीं किया गया, तो प्राधिकरण हस्तक्षेप करेगा और आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

शहर में होने वाले बड़े बदलाव
महायोजना-2031 के तहत शहर में कई महत्वपूर्ण बदलाव आने वाले हैं। अब शहरी नियोजन और विकास योजनाएं अधिक सुनियोजित होंगी। इसमें सड़कों, बिजली, पानी, सीवेज, और सार्वजनिक परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास और रखरखाव सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा, भवन निर्माण और जमीन उपयोग के लिए नियमों और कानूनों को सख्ती से लागू किया जाएगा, जिससे शहरीकरण के दौरान कोई अव्यवस्था न हो।

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