29 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की राह में आ रही बाधाएं दूर : जानिए क्यों इसे पंचायत अध्यक्ष के लिए बड़ा झटका कहा जा रहा 

UPT | जिला पंचायत कार्यालय।

Jan 07, 2025 16:04

पीलीभीत में 16 नवंबर को जिला पंचायत की 29 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की टेंडर प्रक्रिया में कथित सांठगांठ के प्रयास विफल हो गए। जिला पंचायत अध्यक्ष ने टेंडर निरस्त करने का निर्देश दिया था, लेकिन शासन ने इस फैसले को अस्वीकार कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।

Pilibhit News : पीलीभीत में 16 नवंबर को जिला पंचायत में आयोजित टेंडर प्रक्रिया के तहत 29 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के प्रोजेक्ट में कथित सांठगांठ कर इन्हें हासिल करने के प्रयास विफल हो गए। जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. दलजीत कौर की ओर से टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन शासन ने इस फैसले को अस्वीकार कर टेंडर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया। इसके बाद 29 करोड़ के विकास कार्यों के रास्ते में आ रही रुकावटें समाप्त हो गईं, जिससे पंचायत अध्यक्ष को बड़ा झटका लगा है।



टेंडर प्रक्रिया में खामियां और निरस्तीकरण का फैसला
जिला पंचायत में 29 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं। इन प्रोजेक्ट्स को अपनी पसंद के ठेकेदारों को देने के लिए कथित तौर पर कई प्रयास किए गए, लेकिन जब तकनीकी बोलियां खोली गईं, तो प्रतिस्पर्धा की स्थिति सामने आई। अधिकांश प्रोजेक्ट्स पर अधिक संख्या में ठेकेदारों ने बोली लगाई, जिससे मैनेजमेंट की योजना असफल होती दिखी।

इस स्थिति में जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. दलजीत कौर ने टेंडर प्रक्रिया को निरस्त करने का निर्णय लिया। इसके लिए नई एसओआर (शेड्यूल ऑफ रेट्स) को कारण बताया गया। उन्होंने जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी हरमीक सिंह को टेंडर निरस्त करने के निर्देश दिए।

शासन का हस्तक्षेप और टेंडर प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्देश
हालांकि, अपर मुख्य अधिकारी हरमीक सिंह ने इस मामले में शासन से मार्गदर्शन लेने का निर्णय लिया। शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा टेंडर प्रक्रिया को रोकने के दिए गए कारणों को अस्वीकार कर दिया। शासन ने स्पष्ट निर्देश दिया कि टेंडर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए और विकास कार्यों में कोई बाधा न आने दी जाए। इस निर्णय के बाद, अपर मुख्य अधिकारी ने 29 करोड़ के विकास कार्यों के टेंडर खोलने का काम पूरा किया और स्वीकृति की फाइल जिला पंचायत अध्यक्ष को भेज दी।

पंचायत अध्यक्ष को झटका, ठेकेदारों में हताशा
शासन के निर्देशों के बाद, टेंडर प्रक्रिया में शामिल अन्य ठेकेदारों के लिए अवसर खुल गए, जिससे जिला पंचायत अध्यक्ष के करीबी ठेकेदारों को बड़ा झटका लगा। जिस योजना के तहत टेंडर को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही थी, वह अब विफल हो गई है। इस घटनाक्रम से अध्यक्ष के समूह में हताशा का माहौल है। जिन प्रोजेक्ट्स को मैनेज करने के लिए लंबी रणनीति बनाई गई थी, अब उन्हें अन्य ठेकेदारों को सौंपा जाएगा।

अपर मुख्य अधिकारी का बयान
अपर मुख्य अधिकारी हरमीक सिंह ने इस मामले पर कहा, शासन के निर्देशों के अनुसार टेंडर प्रक्रिया को पूरा किया गया है। अब टेंडर की स्वीकृति के लिए फाइल माननीय अध्यक्ष को भेजी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि शासन का निर्णय विकास कार्यों को समय पर शुरू करने और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

विकास कार्यों के लिए रास्ता साफ
शासन के हस्तक्षेप से यह स्पष्ट हो गया है कि 29 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को अब आगे बढ़ाया जाएगा। यह निर्णय स्थानीय जनता के लिए राहत भरा है, क्योंकि इससे विकास कार्यों में गति आएगी। हालांकि, इस घटनाक्रम ने जिला पंचायत की आंतरिक राजनीति और प्रक्रियाओं में पारदर्शिता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। शासन द्वारा दिया गया यह निर्देश यह भी दर्शाता है कि विकास कार्यों में किसी भी प्रकार की अड़चन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

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