एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी : चित्रकूट के डिफेंस कॉरिडोर को पर्यावरण मंत्रालय ने दी मंजूरी, मिलेंगे नए रोजगार

UPT | चित्रकूट डिफेंस कॉरिडोर

Jun 25, 2024 17:52

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने 21 जून को पांचों डिफेंस कॉरिडोर के लिए पर्यावरण एनओसी की जानकारी दी थी। 18 जनवरी को पर्यावरण मंत्रालय ने सैद्धांतिक सहमति दे दी...

Chitrakoot News :  उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 21 जून को पांचों डिफेंस कॉरिडोर के लिए पर्यावरण एनओसी की जानकारी दी थी। 18 जनवरी को पर्यावरण मंत्रालय ने सैद्धांतिक सहमति दे दी और 21 जून को लिखित अनुमति मिल गई। चित्रकूट में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (UPDIC) को बढ़ावा देने के लिए सरकार 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है। इस निवेश का इस्तेमाल चित्रकूट में कई सैन्य-सामग्री परियोजनाएं स्थापित करने में किया जाएगा। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने चित्रकूट में UPDIC के लिए 60 हेक्टेयर भूमि के विकास को पहले ही मंजूरी दे दी है।

2.70 लाख नए रोजगार 
यूपीईआईडीए का अनुमान है कि इस मंजूरी से चित्रकूट में 5,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू होंगी और 2.70 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। चित्रकूट डिफेंस कॉरिडोर 102 हेक्टेयर में विकसित किया जाएगा। इसमें 33.6 हेक्टेयर क्षेत्र हरित पट्टी भूमि, 8.3 हेक्टेयर सड़क निर्माण, 3.8 हेक्टेयर आवश्यक सेवाओं और सुविधाओं तथा 18.9 हेक्टेयर सामान्य हरित पट्टी के लिए प्रस्तावित है। इसके अलावा इकाइयों के लिए प्रस्तावित 70 हेक्टेयर भूमि में से 14.3 हेक्टेयर भूमि हरित क्षेत्र के लिए रखी गई है।

इन जिलों में बन रहा है डिफेंस कॉरिडोर
चित्रकूट समेत प्रदेश के 6 जिलों में डिफेंस कॉरिडोर विकसित किए जा रहे हैं। आपको बता दें कि इसमें आगरा, झांसी, कानपुर, लखनऊ और अलीगढ़ शामिल हैं। इतना ही नहीं, यूपी में बन रहे डिफेंस कॉरिडोर में रक्षा उपकरण बनाने में भारत की कई राष्ट्रीय कंपनियों के साथ अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भी रुचि दिखाई है। इस संबंध में यूपी सरकार को 25 हजार करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव मिला है।

रक्षा उपकरणों का होगा निर्माण
चित्रकूट के कर्वी तहसील के अंतर्गत खुटैरा और बुक्टा बुजुर्ग की 102 हेक्टेयर भूमि को भी हरी झंडी मिल गई है। इस पर 60 करोड़ रुपये खर्च होंगे और 18 हजार से ज्यादा रोजगार सृजित होंगे। यहां ड्रोन, हेलीकॉप्टर, विशेष प्रकार के वाहन, रोबोटिक्स, मिसाइल, फायरिंग रेंज उपकरण, हथियार, टैंक, मोटर इंजन आदि कई रक्षा उपकरण बनाए जाएंगे। इनकी उत्पादन क्षमता 30 हजार टन प्रति वर्ष से ज्यादा होगी। इनके उत्पादन में योगदान देने के लिए राष्ट्रीय कंपनियों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी रुचि दिखा रही हैं।

लखनऊ और कानपुर में 30 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
लखनऊ की सरोजनी नगर तहसील के भटगांव और हरौनी तहसीलों में 165 हेक्टेयर भूमि का विकास किया जाएगा। 33 फीसदी भूमि पर पेड़ लगाए जाएंगे। यहां 30 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसी तरह साढ़ तहसील की 385 हेक्टेयर भूमि को भी कानपुर डिफेंस कॉरिडोर के तहत ग्रीन क्लीयरेंस मिल गई है। यूपीडा यहां 23,485 पेड़ लगाएगा। यहां इंजीनियरिंग और सेकेंडरी मेटलर्जी से जुड़ी रक्षा इकाइयों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस नोड से 37,440 लोगों को रोजगार मिलेगा।

झांसी में 1,67,200 लोगों को रोजगार मिलेगा
झांसी में गरौठा तहसील की 500 हेक्टेयर भूमि का करीब 475 करोड़ रुपये से विकास किया जाएगा। झांसी नोड में 1,076 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। यूपीडा के मुताबिक झांसी डिफेंस कॉरिडोर से 1,67,200 लोगों को रोजगार मिलेगा।

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