मत्तगजेंद्रनाथ मंदिर, भगवान कामदनाथ दरबार और परिक्रमा मार्ग में सुबह से ही तिल रखने की भी जगह नहीं है। आस्था के सैलाब के आगे उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के जिला प्रशासन की ओर से किए गए इंतजाम बौने नजर आए। अमावस्या पर्व पर स्नान करने के लिए एक दिन पूर्व शनिवार से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था।