चैत्र नवरात्रि : जजावल माता मंदिर में श्रद्धालुओं की उमड़ रही है भीड़, जानें क्या है यहां की महत्ता

UPT | चित्रकूट।

Apr 12, 2024 19:25

ऐतिहासिक देवी जजावल माता मंदिर में इन दिनों श्रद्धालुओं की भीड़ लग रही है। यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। देवी स्थल के पास लगभग 10 बीघे में तालाब है।

Chitrakoot News : जिले के राजपुर तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत रगौली के ऐतिहासिक देवी जजावल माता मंदिर में इन दिनों श्रद्धालुओं की भीड़ लग रही है। यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है। देवी स्थल के पास लगभग 10 बीघे में तालाब है। जिसे क्षेत्र पंचायत रामनगर द्वारा अमृत सरोवर के रूप में विकसित करने के लिए टेंडर किया गया था। 

ठेकेदार द्वारा तालाब के भीटो में खड़ंजा बनवाकर आधा अधूरा छोड़ दिया दिया हैं। इससे भक्तों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ग्राम पंचायत रगौली में स्थापित जजावल माता जो लगभग दो सौ वर्षों से स्थापित हैं और वासंतीय और शारदीय नवरात्र में भक्तों का हुजुम देखने को मिलता है। मान्यता है कि जो भक्त जजावल तालाब में स्नान कर इस तालाब के जल से जलाभिषेक करता है उसी मन्नत जरूर पूरी होती है। देवी भक्त गांव के ओमप्रकाश मिश्रा ने बताया कि पूर्वजों के द्वारा खेत की खुदाई करते समय मां की प्रतिमा हल से टकरा जाने के कारण मां की प्रतिभा प्राप्त हुई थी।

तभी से लगभग दो सौ वर्ष पहले पूर्वजों के द्वारा माता की स्थापना तालाब के पास एक वृक्ष के नीचे कर दी गई थी और पूरे क्षेत्र के लोग बड़े श्रद्धा भाव से मां की पूजा-अर्चना करते चले आ रहे हैं। बताया कि 2007 में स्व. सुरजी देवी पत्नी स्व.रामनेवाज मिश्रा एवं स्व.रामनाथ मिश्रा के वंशज माता जजावल की पूजा-अर्चना करते चले आ रहे हैं, लेकिन मां के जलाभिषेक करने वाले जजावल तालाब की वह दुर्दशा है कि आधा-अधूरा काम होने के कारण उस तालाब में एक बूंद पानी न होने के कारण पुरानी परंपराओं का निर्वाह नहीं हो पा रहा हैं। पूरा तालाब गंदगी से पटा पड़ा है। वहीं आसपास के अन्ना गोवंश व घरेलू जानवर व जलजीवों को पानी पीने का यह एकमात्र तालाब है। ग्रामीणों ने शासन प्रशासन से तालाब सुंदरीकरण का कार्य पूरा कराने की मांग की है। 
 

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