हैकरों ने की SDM आईडी हैक : किसानों के मुआवजे से उड़ाए 15.50 लाख रुपये, महराजगंज से एक गिरफ्तार

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Aug 13, 2024 00:07

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां साइबर अपराधियों ने एसडीएम की आईडी हैक कर 84 किसानों के मुआवजे से 15.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की।

Hamirpur News : उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां साइबर अपराधियों ने एसडीएम की आईडी हैक कर 84 किसानों के मुआवजे से 15.50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। पुलिस ने इस मामले में महराजगंज जिले से एक हैकर को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरा आरोपी फरार है। पकड़ा गया आरोपी पहले कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) में काम करता था, लेकिन उसने धोखाधड़ी के जरिए सरकारी धनराशि को हड़पने का रास्ता अपनाया।

किसानों के मुआवजे से उड़ाए 15.50 लाख रुपये
मामला फरवरी-मार्च महीने का है, जब जिले में ओलावृष्टि और अतिवृष्टि के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गई थीं। राजस्व विभाग ने इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 18,000 से अधिक किसानों की क्षति का आकलन किया था और सरकार से 23 करोड़ रुपये की धनराशि की मांग की थी। अप्रैल महीने से इस मुआवजे की राशि किसानों के बैंक खातों में जमा कराई जाने लगी थी। इसी दौरान, साइबर अपराधियों ने एसडीएम सदर पवन प्रकाश पाठक की आईडी और पासवर्ड को हैक कर 84 किसानों के हिस्से की 15.50 लाख रुपये की राशि को अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया।



मामले में एक गिरफ्तार
4 अगस्त को एसडीएम ने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए महराजगंज जिले के नौतनवा क्षेत्र से आरोपी अनिल विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर लिया। अनिल, नरकटहा गांव का निवासी है और वह अपने साथी विनोद के साथ मिलकर इस फ्रॉड को अंजाम दे रहा था। पुलिस के अनुसार, अनिल ने सरकारी पोर्टल पर लॉगइन कर किसानों के खाता नंबर बदल दिए थे और उन खातों की जगह ऐसे बैंक खाता नंबर फीड किए जिनसे सरकारी धनराशि को आसानी से हड़पा जा सके। 

हैकर के पास दो आधार कार्ड बरामद
इस घटना में गिरफ्तार किए गए अनिल के पास से दो अलग-अलग जन्मतिथि के आधार कार्ड भी बरामद किए गए हैं, जो उसकी धोखाधड़ी के इरादों को साफ उजागर करते हैं। पुलिस अब फरार आरोपी विनोद की तलाश में जुटी हुई है, ताकि इस पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके। इस घटना ने प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं और साइबर अपराधियों के बढ़ते हौसलों को भी उजागर किया है। 

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