Hamirpur News : 33 साल पहले हुई थी राजीव गांधी की हमीरपुर में जनसभा, उमड़ पड़ा था जन सैलाब

UPT | राजीव गांधी की जनसभा में उमड़ा था जन सैलाब

May 13, 2024 13:17

बुंदेलखंड के जनपद हमीरपुर के राठ में 33 साल पहले पूर्व पीएम राजीव गांधी सड़क मार्ग के रास्ते आए थे। तब उन्हें देखने और सुनने के लिए सड़क से लेकर सभास्थल…

Hamirpur News : बुंदेलखंड के जनपद हमीरपुर के राठ में 33 साल पहले पूर्व पीएम राजीव गांधी सड़क मार्ग के रास्ते आए थे। तब उन्हें देखने और सुनने के लिए सड़क से लेकर सभा स्थल तक भारी जन सैलाब उमड़ा था। पुराने बुजुर्ग लोग बताते हैं कि उन्होंने विकास के मुद्दों की सदैव चर्चा की विपक्ष की नहीं | उन्होंने जनसभा के जरिए गांवों के विकास और संचार क्रांति के बारे में ही बातें की थी। हमीरपुर शहर में खुली गाड़ी में खड़े होकर राजीव गांधी ने खास से लेकर आम लोगों से हाथ हिलाकर अभिवादन किया था। बताते चलें कि यूपी के हमीरपुर में 33 साल पहले पूर्व पीएम राजीव गांधी ने यहां एक जनसभा में हुंकार भरी थी। आधी रात को जनसभा में आए पूर्व पीएम को देखने के लिए भारी जन सैलाब भी उमड़ा था। और तो और जनसभा के बाद वह हमीरपुर के डाक बंगले में रात्रि विश्राम भी किया था।1991 में राजीव गांधी ने की थीं जनसभाएं l

राजीव गांधी को देखने उमड़ पड़ा था भारी जन सैलाब
हमीरपुर समेत बुंदेलखंड के इलाकों में किसी जमाने में लोकसभा चुनाव में देश की पीएम चुनावी जनसभा का हिस्सा बने थे। उस जमाने में उन्हें देखने के लिए भारी जन सैलाब उमड़ा था, लेकिन अब छोटे जिलों के बजाय मंडल मुख्यालय तक ही शीर्ष नेताओं की जनसभाएं होने लगी है। 33 साल पहले 25 मार्च 1991 को देश के पीएम रहे राजीव गांधी ने आम चुनाव को लेकर पूरे देश में सभाएं की थीं। वर्ष 1984 के आम चुनाव में केन्द्र में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी थी। वह 1989 तक पीएम रहे, लेकिन 1989 के आम चुनाव में राजीव गांधी को विपक्ष में बैठना पड़ा था। करीब सोलह महीने महीने बाद ही नौंवी लोकसभा भंग हो गई। पूरे देश में मंडल कमीशन और राम मंदिर के मुद्दा दसवें लोकसभा चुनाव में छाया रहा बावजूद केन्द्र की सत्ता में कांग्रेस आई थी, लेकिन कांग्रेस को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी थी। राजीव गांधी की आम चुनाव से पहले ही आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई थी। हत्या से पहले राजीव गांधी बुंदेलखंड के हमीरपुर की धरती पर भी कदम रखे थे। हमीरपुर में वह भारी लाव लश्कर के साथ आए थे।

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