बहराइच हिंसा से जुड़ी बड़ी खबर : नेपाल भागना चाहते थे आरोपी, पुलिस की पूछताछ में सामने आई वजह

UPT | बहराइच हिंसा

Oct 20, 2024 17:09

अब पुलिस चौथे बेटे की जानकारी जुटाने में लगी है। इस बीच, भाजपा जिलाध्यक्ष बृजेश पांडेय ने लखनऊ में सीएम योगी से मुलाकात कर पूरी स्थिति की जानकारी दी...

Short Highlights
  • बहराइच हिंसा के मुख्य आरोपी भागना चाहते थे नेपाल
  • हिंसा में सामने आई पुलिस की लापरवाही
  • मुख्य आरोपी के घरों को ध्वस्त करने का नोटिस
Baharich News : बहराइच के महराजगंज में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद और उसके तीन बेटों को गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चुका है। जानकारी के अनुसार, मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद का चौथा बेटा नेपाल में रहता है, जहां वह सोने-चांदी का कारोबार करता है। अगर पुलिस समय पर कार्रवाई नहीं करती, तो सभी आरोपी नेपाल भाग सकते थे। अब पुलिस चौथे बेटे की जानकारी जुटाने में लगी है। इस बीच, भाजपा जिलाध्यक्ष बृजेश पांडेय ने लखनऊ में सीएम योगी से मुलाकात कर पूरी स्थिति की जानकारी दी।

हिंसा में पुलिस की लापरवाही आई सामने
हिंसा के दौरान एएसपी ग्रामीण, एसडीएम महसी और एक नायब तहसीलदार की लापरवाही सामने आई थी। एसटीएफ प्रमुख ने भी इस बारे में जानकारी दी। इसमें बताया गया है कि जब एसडीएम को फोन कर के हिंसा की सूचना दी गई, तो उन्होंने मौके पर जाने के बजाय केवल मरने वालों की संख्या पूछी। ऐसे में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। शनिवार को इन तीनों अधिकारियों को हटाने की चर्चाएं तेज हो गईं, जबकि सीओ महसी को निलंबित किया गया है।



कार्रवाई का आदेश नहीं- डीएम
वहीं डीएम मोनिका रानी ने बताया कि महराजगंज की घटना को लेकर किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का कोई आदेश अभी नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि अगर शासन से कोई निर्देश आता है, तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य आरोपी के घरों को ध्वस्त करने का नोटिस
दरअसल, 13 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा के दौरान महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में हुई हिंसा के बाद, मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद समेत 23 लोगों के घरों पर शुक्रवार को ध्वस्तीकरण का नोटिस चस्पा किया गया। जिसके बाद, शनिवार की सुबह स्थानीय लोगों ने अपने हाथों से घर और दुकानें तोड़ना शुरू कर दिया। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि महसी-सीतापुर मुख्य मार्ग चौड़ीकरण के लिए अतिक्रमण हटाने का कार्य किया जा रहा है।

पूर्व प्रधान ने सरकार के फैसले का किया स्वागत
वहीं हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा के गांव की नाकाबंदी पुलिस और प्रशासन ने कर दी है। शनिवार सुबह से सोतिया मोड़ और खर्चहा चौराहे पर बैरीकेडिंग की गई है। इसके अलावा, गांव में मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है और आने-जाने वालों के आधार कार्ड की जांच की जा रही है। महराजगंज कस्बे में मौजूद चंदपइया के पूर्व प्रधान ने बताया कि वे सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि घर खाली करने के लिए कई महीने पहले लाल निशान लगाए गए थे, लेकिन मकान तोड़ने का नोटिस अब जाकर चस्पा किया गया है। हिंसा से पहले ही लोग परेशान थे और अब कार्रवाई के नाम पर और अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

डीजे पर रोक लगाने की मांग
सराफा कारोबारी भोलू सोनार ने शनिवार को स्थानीय लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि शासन के आदेश का पालन किया जा रहा है। उन्होंने शासन से अनुरोध किया कि उन्हें थोड़ी मोहलत दी जाए, ताकि लोग ज्यादा परेशान न हों। पूर्व प्रधान मोहम्मद शकील उर्फ बबलू ने सुझाव दिया कि जुलूसों में डीजे पर पूरी तरह रोक लगाई जानी चाहिए, क्योंकि ऐसा न होने पर महराजगंज की हिंसा टल सकती थी।

इन्हें मिला नोटिस
हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित अन्य आरोपियों को नोटिस दिया गया है। इनमें फारुख, अकरम, ननकऊ, मून, पप्पू, मोहम्मद शरीफ, जावेद, समीउल्ला, हाजी शमीम और अन्य शामिल हैं। अब्दुल हमीद के घर के बाहर दुकानों में एक मेडिकल की दुकान भी थी, जिसे शनिवार को खाली करना शुरू कर दिया गया। मस्जिद के पास स्थित दुकानों से भी अतिक्रमण हटाया जा रहा है।

पहले भी की जा चुकी है कार्रवाई
महराजगंज में रोड चौड़ीकरण के लिए लोकनिर्माण विभाग ने 60 मीटर के दायरे में आने वाले दुकानदारों और मकानमालिकों को नोटिस जारी किए हैं। इससे संभावित है कि कस्बे में अगर कार्रवाई की गई, तो सैकड़ों मकान और दुकानें इसकी जद में आ सकती हैं। वहीं अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग के प्रदीप कुमार ने बताया कि कुंडासर-महसी-नानपारा मार्ग पर महराजगंज के किमी-38 पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है। लोक निर्माण विभाग ने सड़क सुरक्षा के तहत नियमित रूप से अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिया है, जिससे चौराहे पर यातायात सुगम हो सके। 

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