बहराइच में लंगड़े भेड़िये की दहशत : एक पकड़ा गया, दो और ज्यादा खतरनाक, वन विभाग ने तेज किया अभियान

UPT | Wolf

Aug 31, 2024 17:20

हरदी थाना क्षेत्र में तीन भेड़ियों में से एक नर भेड़िए को पकड़ लिया गया है। हालांकि, इस कार्रवाई ने राहत प्रदान की है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अब शेष दो भेड़ियों के और अधिक आक्रामक होने की संभावना है...

Short Highlights
  • बहराइच में भेड़िये का आतंक बढ़ा
  • साथी भेड़िये के पकड़े जाने से बढ़ सकती है आक्रमकता
  • भेड़ये के हमले का दायरा बढ़ा
Bahraich News : उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों के हमलों से स्थानीय निवासियों में दहशत का माहौल बना हुआ है। हाल ही में, हरदी थाना क्षेत्र में तीन भेड़ियों में से एक नर भेड़िए को पकड़ लिया गया है। हालांकि, इस कार्रवाई ने राहत प्रदान की है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि अब शेष दो भेड़ियों के और अधिक आक्रामक होने की संभावना है।

भेड़ियों ने 50 गांव में फैलाया आतंक
जानकारी के अनुसार, भेड़ियों के हमलों का दायरा अब 32 से बढ़कर 50 गांवों तक पहुंच गया है, जिससे लगभग 80,000 लोग प्रभावित हुए हैं। इन हमलों में नौ लोगों की जान जा चुकी है और 35 से अधिक घायल हुए हैं। खैरीघाट थाना क्षेत्र में एक बच्चे की मृत्यु और कई अन्य लोगों के घायल होने की खबर ने चिंता और बढ़ा दी है।



बढ़ सकती है भेड़ियों की आक्रमकता
विशेषज्ञों का कहना है कि भेड़िए कुनबे में रहते हैं और एक साथी के खो जाने से वे और अधिक खतरनाक हो सकते हैं। साथ ही यह भी बताया गया है कि शेष दो भेड़ियों में से एक लंगड़ा है, जिसके सबसे अधिक आक्रामक होने की आशंका है। यह स्थिति स्थानीय लोगों के लिए अत्यधिक खतरनाक है, क्योंकि भेड़िए अपने साथी की तलाश में गांवों में घुस सकते हैं। जबकि सेवानिवृत्त डीएफओ ज्ञान प्रकाश सिंह ने बताया कि भेड़िए की सूंघने और रेकी करने की क्षमता उत्कृष्ट होती है। वे 20 किलोमीटर तक का शिकार कर सकते हैं, जो उन्हें और अधिक खतरनाक बनाता है। उन्होंने यह भी बताया कि भेड़ियों के झुंड में एक मुखिया होता है और जब तक मुखिया को नहीं पकड़ा जाता, हमले जारी रह सकते हैं।

प्रशासन की तरफ से उठाए जा रहे कड़े कदम
वहीं स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस और पीएसी की तैनाती बढ़ा दी गई है। वन विभाग, पंचायत, विकास, पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारी दिन-रात गश्त कर रहे हैं। ड्रोन से निगरानी की जा रही है और भेड़ियों को पकड़ने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। हालांकि, भेड़ियों की चालाकी वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। अधिकारियों का मानना है कि अगर भेड़ियों का मुखिया पकड़ लिया जाए, तो हमलों की संभावना काफी कम हो जाएगी। 

भेड़ियों को बचाने की आवश्यकता
इस बीच, नानपारा तहसील क्षेत्र के गांवों में भी भेड़ियों के पहुंचने की आशंका ने चिंता बढ़ा दी है, जिसके कारण शिवपुर ब्लॉक में एक आपात बैठक आयोजित की गई। साथ ही सुरक्षा उपायों पर जोर दिया जा रहा है, कुछ पर्यावरणविद् भेड़ियों के संरक्षण की भी अपील कर रहे हैं। ऐनिमल वेलफेयर बोर्ड के सदस्य अर्चित मिश्र ने कहा कि भेड़िए पारिस्थितिकी तंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं और विलुप्ति के कगार पर हैं। उन्होंने भारत के भेड़िया संरक्षण संकल्प को ध्यान में रखते हुए इन जानवरों को बचाने की आवश्यकता पर बल दिया।

बचाव तरीकों को लेकर विशेष अभियान
जिला प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि भेड़िया प्रभावित क्षेत्रों में सर्च अभियान जारी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शेष भेड़िए जल्द ही पकड़ लिए जाएंगे। साथ ही, लोगों को भेड़ियों से बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। 

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