कुश्ती संघ विवाद : बजरंग की याचिका पर बृजभूषण का पलटवार, बोले- खेल को बाधित करने की साजिश

UPT | बृजभूषण शरण सिंह

Nov 17, 2024 14:39

बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवान बजरंग पूनिया द्वारा भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया कुश्ती के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है...

Short Highlights
  • बृजभूषण शरण सिंह का आरोप
  • दो साल से नहीं हुए ट्रेनिंग कैंप
  • कुश्ती को खत्म करने की साजिश

Gonda News : पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवान बजरंग पूनिया द्वारा भारतीय कुश्ती संघ के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल की गई याचिका पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना है कि यह पूरी प्रक्रिया कुश्ती के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि, पिछले दो वर्षों से लगातार कुछ लोग इस खेल को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं।

बजरंग पूनिया की याचिका का किया जिक्र
बृजभूषण शरण सिंह ने आरोप लगाया कि यह लोग कुश्ती को बचाने के नाम पर धरने पर बैठते हैं लेकिन वास्तव में वे लगातार याचिकाएं दायर करके इस खेल को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। बृजभूषण ने विशेष रूप से बजरंग पूनिया की ताजातरीन याचिका का जिक्र किया जिसमें उन्होंने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह की अध्यक्षता में होने वाले नेशनल चैंपियनशिप को रोकने की मांग की है।



नेशनल चैंपियनशिप का आयोजन आवश्यक- बृजभूषण
वहीं इससे पहले पहलवान साक्षी मलिक के पति सत्यव्रत कादयान ने भी ऐसी ही एक याचिका दायर की थी, जिसका उद्देश्य टीम वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को रोकने का था। हालांकि, इन प्रयासों के बावजूद खिलाड़ी प्रतियोगिता में भाग लेने में सफल रहे और कई मेडल भी जीते। बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि नेशनल चैंपियनशिप का आयोजन एक आवश्यक प्रक्रिया है। क्योंकि, इसमें भाग लेने वाले 700-800 बच्चे आगे चलकर राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाते हैं और उनका भविष्य उज्जवल होता है। उन्होंने कहा कि भारतीय कुश्ती संघ को इस तरह के आयोजन करने का अधिकार है। जबकि सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है। बजरंग पूनिया द्वारा दायर की गई याचिका का नतीजा यह हुआ कि कोर्ट ने आगामी सुनवाई तक नेशनल चैंपियनशिप पर कोई रोक नहीं लगाई। 

दो वर्षों से नहीं हुआ ट्रेनिंग कैंप का आयोजन
बृजभूषण शरण सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि इस समय कुश्ती के प्रशिक्षण शिविरों को भी बाधित किया जा रहा है। लड़कियों और लड़कों के लिए पिछले दो वर्षों से कोई ट्रेनिंग कैंप आयोजित नहीं किया गया है, जिससे युवा खिलाड़ियों का विकास रुक गया है। बृजभूषण ने कहा कि अगर लखनऊ में कैंप आयोजित करने में कोई समस्या है, तो अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश या राजस्थान में कैंप लगाए जा सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। इस तरह की बाधाएं देशभर में कुश्ती के विकास को ठप कर रही हैं। खासकर उन राज्यों में जहां के खिलाड़ी कमजोर हैं और जो नेशनल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। 

देशभर में कुश्ती को खत्म करने का प्रयास- बृजभूषण
उन्होंने कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में अच्छे अकादमी और अखाड़े हैं। लेकिन बिहार, झारखंड, उड़ीसा, बंगाल और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के खिलाड़ी कुश्ती के प्रशिक्षण से वंचित हो रहे हैं। बृजभूषण का आरोप है कि कुछ लोग इस स्थिति का फायदा उठाकर देशभर में कुश्ती को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समझ नहीं आता कि जब यह लोग कुश्ती के विकास की बात करते हैं, तो क्यों इस खेल को लगातार बाधित किया जा रहा है। उनका कहना था कि यह सब कुछ देश में कुश्ती को समाप्त करने की एक सोची-समझी साजिश के तहत हो रहा है।

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