Gonda News : रिश्वत लेने के बाद भी लेखपाल ने नहीं किया काम, तब पीड़ित के कदम से आया भूचाल...

UPT | रिश्वत लेते लेखपाल प्रशांत विक्रम सिंह।

Nov 07, 2024 10:46

गोंडा जिले के सदर तहसील में तैनात लेखपाल प्रशांत विक्रम सिंह का रिश्वत लेते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वह जमीन की पैमाइश के नाम पर 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते नजर आ रहे हैं। वायरल वीडियो में गोंडा...

Gonda News : गोंडा जिले के सदर तहसील में तैनात लेखपाल प्रशांत विक्रम सिंह का रिश्वत लेते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वह जमीन की पैमाइश के नाम पर 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते नजर आ रहे हैं। वायरल वीडियो में गोंडा सदर तहसील के केशवपुर पहड़वा गांव के लेखपाल प्रशांत विक्रम सिंह पीड़ित आनंद शर्मा के घर पर चाय पीते हुए 5 हजार रुपये लेते दिखाई दे रहे हैं। आरोप है कि पैसे लेने के बाद भी न तो जमीन की पैमाइश की गई और न ही जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए पिलर लगाए गए। 

क्या है पूरा मामला
पीड़ित ने बताया कि लेखपाल ने उनसे वादा किया था कि वह उनकी जमीन की पैमाइश करेंगे और खेतों में आने-जाने के लिए पिलर लगवाकर कब्जा दिलवाएंगे। लेकिन, रिश्वत लेने के बाद लेखपाल ने न तो पैमाइश की और न ही पिलर लगाए। कई बार पीड़ित ने लेखपाल से काम कराने के लिए कहा, लेकिन वह उसे भगा देते थे। अंत में परेशान होकर पीड़ित ने गोंडा सदर एसडीएम को शिकायती पत्र देकर मामले में कार्रवाई की मांग की। साथ ही उसने लेखपाल द्वारा रिश्वत लेने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो में स्पष्ट रूप से लेखपाल प्रशांत विक्रम सिंह रिश्वत लेते दिखाई दे रहे हैं। वह कह रहे हैं कि अगर आप पैसा नहीं दोगे तो मजबूरन मुझे आपके खिलाफ रिपोर्ट लगानी पड़ेगी। क्योंकि मुझे ऊपर तक पैसा देना पड़ता है। 

एसडीएम ने दिए जांच के आदेश
यह वायरल वीडियो लगभग एक माह पुराना बताया जा रहा है, जब लेखपाल ने जमीन की पैमाइश और कब्जा दिलवाने के नाम पर रिश्वत ली थी। लेखपाल प्रशांत विक्रम सिंह पर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं और उन्हें एक बार निलंबित भी किया जा चुका है। हालांकि उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई और अब भी रिश्वतखोरी की समस्या जस की तस बनी हुई है। इस मामले को लेकर गोंडा के एसडीएम ने त्वरित जांच के आदेश दिए हैं। अब यह देखना है कि क्या प्रशासन इस बार लेखपाल के खिलाफ सख्त कदम उठाता है या फिर भ्रष्टाचार पर चुप्पी बनी रहती है।

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