अब ट्रेन में नहीं लगेंगे झटके : रेलवे लाएगा नई तकनीक, सेमी ऑटोमेटिक कपलिंग से जुड़ेंगी बोगियां

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Oct 03, 2024 13:39

एलएचबी रेक की बोगियों में सेमी ऑटोमैटिक कपलिंग लगाई जाएगी, जो तेज रफ्तार में भी सुरक्षित रहेगी। इस नई कपलिंग की विशेषता यह है कि ...

Gorakhpur News : उत्तर प्रदेश में नई तकनीक के चलते अब ट्रेनों में नया बदलाव देखने को मिलेगा। भारतीय रेलवे ने बोगियों को जोड़ने वाली कपलिंग के परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू की है। एलएचबी रेक की बोगियों में सेमी ऑटोमैटिक कपलिंग लगाई जाएगी, जो तेज रफ्तार में भी सुरक्षित रहेगी। इस नई कपलिंग की विशेषता यह है कि 130 किमी/घंटा की गति पर भी यात्रियों को कोई झटका महसूस नहीं होगा। पूर्वोत्तर रेलवे इस नई कपलिंग सिस्टम को एलएचबी बोगियों में लागू करने की योजना बना रहा है।

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तेज रफ्तार में भी नहीं खुलेगी कपलिंग
ट्रेन में रोज लाखों लोग सफर करते हैं। इस दौरान चलती ट्रेन के दो हिस्सों में बंटने की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं, जो आमतौर पर कपलिंग खुलने के कारण होती हैं। लेकिन अब रेलवे ने इन समस्याओं को खत्म करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बनाई है। सेमी ऑटोमैटिक कपलिंग सिस्टम जल्द ही पेश किया जाएगा, जो यात्रियों के लिए न केवल सुरक्षित होगा, बल्कि आरामदायक भी साबित होगा। यह नया सिस्टम तेज गति और झटकों के दौरान बोगियों को अलग नहीं होने देगा और रुकने पर भी यात्रियों को झटके का अनुभव नहीं होगा। रेलवे बोर्ड ने इस व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया है। पूर्वोत्तर रेलवे के वर्कशाप में बोगियों की कपलिंग बदलने का कार्य जल्द शुरू होगा।



नई प्रणाली से हल होंगी ये समस्याएं
बताया जा रहा है कि यह नई तकनीक 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाली ट्रेनों में भी प्रभावी रहेगी। वर्तमान में, बोगियों को सीबीसी कपलर तकनीक के जरिए जोड़ा जाता है, जिसके कारण ट्रेन के चलने या रुकने पर यात्रियों को झटके का अनुभव होता है। इसके अलावा, कपलिंग के ढीले होने पर खुलने का जोखिम भी बना रहता है। इस नई प्रणाली से इन सभी समस्याओं को हल किया जा सकेगा।

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दुर्घटनाओं में आएगी घटोत्तरी
तेज गति में कई बार बोगियों के अलग होने की घटनाएं देखने को मिली हैं, जिससे न केवल दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ता है, बल्कि ट्रेन की लेट होने की समस्या भी उत्पन्न होती है। इसी मुद्दे का समाधान करने के लिए रेलवे बोर्ड ने प्राथमिकता के आधार पर नई तकनीक को जल्द से जल्द एलएचबी बोगियों में लागू करने की योजना बनाई है। कपलिंग खुलने का सबसे अधिक खतरा पारंपरिक बोगियों में है। दरअसल, यहां हुक पर बोगियों की कपलिंग कराई जाती है। ऐसे में इसके अक्सर खुलने की आशंका बनी रहती है।

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