सीएम का विजयादशमी पर संदेश : 'संगठित रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे, पाखंडों से बनाएं दूरी', 2025 कुंभ का भी जिक्र

UPT | मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ

Oct 12, 2024 23:01

मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने शनिवार शाम मानसरोवर रामलीला मैदान में आयोजित प्रभु श्रीराम के राजतिलक समारोह को संबोधित करते हुए विजयादशमी की सभी को बधाई और शुभकामनाएं दीं...

Gorakhpur News : मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने शनिवार शाम मानसरोवर रामलीला मैदान में आयोजित प्रभु श्रीराम के राजतिलक समारोह को संबोधित करते हुए विजयादशमी की सभी को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि संगठित न रहने के कारण भारत के विभिन्न कालखंडों में आक्रांताओं ने काशी में विश्वनाथ मंदिर, अयोध्या में राम मंदिर और मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर को अपवित्र करने का दुस्साहस किया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हम परतंत्र रहेंगे, तो ऐसी परिस्थितियां फिर से उत्पन्न हो सकती हैं।

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'छुआछूत और भेदभाव से दूर रहकर बनें एकजुट'
योगी आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि राजनीतिक स्वतंत्रता केवल राजनीतिक नहीं होती, बल्कि यह सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्वतंत्रता की प्रतीक भी है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि हमें उन बलिदानियों के योगदान को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए, जिन्होंने हमें स्वतंत्रता दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।जब हम संगठित रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे। छुआछूत, अश्पृश्यता को दूर कर एकजुट रहेंगे खुद की और राष्ट्र की भी सुरक्षा कर सकेंगे। हमें उन पाखंडों से दूरी बनाकर रहना है जिससे चलते गुलामी का दंश झेलना पड़ा और आक्रांताओं को हमारे धर्म स्थलों को खंडित करने तथा सामाजिक ताने बाने को छिन्न भिन्न करने का मौका मिला।


सामाजिक एकता भारत की विरासत का हिस्सा
मुख्यमंत्री ने कहा कि संगठित रहने और संगठन की ताकत को प्रदर्शित करने के लिए आवश्यक है कि हम जाति, धर्म, संप्रदाय, भाषा और छुआछूत जैसे भेदभावों से दूर रहें। इसी संदेश को फैलाने के लिए अयोध्या में 500 वर्षों के बाद प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बना है और महर्षि वाल्मीकि के नाम पर अयोध्या के एयरपोर्ट का नामकरण किया गया है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में माता शबरी के नाम पर रसोईगृह स्थापित किया गया है, जबकि यात्री विश्रामालय भगवान राम के प्रिय मित्र निषादराज के नाम पर बना है। यह सभी पहल सामाजिक एकता को दर्शाती हैं, जो भारत की विरासत का हिस्सा हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि श्रृंगवेरपुर में भगवान राम और निषादराज की गले मिलती हुई प्रतिमा का निर्माण सरकार द्वारा किया गया है। वर्ष 2025 में प्रयागराज में भव्य और दिव्य कुम्भ का आयोजन भी हमारी विरासत के प्रति निष्ठा का प्रतीक होगा।

संगठित होकर भारत की एकता को मजबूती दें
सीएम योगी ने कहा कि जब दुनिया के अन्य हिस्सों में सभ्यता का कोई नामोनिशान नहीं था, तब भारत में सभ्य सनातन समाज का अस्तित्व था। उन्होंने बताया कि यह समाज कभी भी विपन्न नहीं रहा और बुद्धि तथा वैभव में हमेशा अग्रणी रहा। सीएम ने चेतावनी दी कि मध्यकाल में क्षेत्र, जाति, भाषा और मत के नाम पर इसे विभाजित करने की साजिश की गई, जिसके विषाणु आज भी समाज में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि इन विषाणुओं को पनपने नहीं देना चाहिए। योगी ने अपील की कि हमें संगठित होकर राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव से जुड़ना है, क्योंकि व्यक्तिगत स्वार्थ कभी भी राष्ट्र के हित से ऊपर नहीं हो सकता। उन्होंने अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए हुए आंदोलन को इस दिशा में प्रेरणा का स्रोत बताया।

भावुक होकर बोले सीएम योगी
राम मंदिर निर्माण के लिए हुए आंदोलन का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ महाराज को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि उनके गुरुदेव का अंतिम सपना राम मंदिर का निर्माण देखना था। सीएम ने बताया कि जब विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल जी उनके पास आए, तब उन्होंने उनसे यही पूछा था, "अशोक जी, राम मंदिर निर्माण कब तक हो पाएगा? एक बार मंदिर निर्माण देख लेते, तो जन्म धन्य हो जाता।" मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जब राम मंदिर बन गया है, तो उनके गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ जी महाराज और अनगिनत संतों को निश्चित रूप से तसल्ली मिल रही होगी।

पीएम के नेतृत्व में विरासत का संरक्षण और विकास जारी : सीएम योगी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विरासत के संरक्षण और विकास की यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मजबूती से आगे बढ़ रही है, जिससे देश और दुनिया में रहने वाले सनातनियों और भारतीयों को गर्व महसूस होता है। उन्होंने यह भी कहा कि पांच साल पहले कोई नहीं मानता था कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर निर्माण संभव होगा, लेकिन कुछ सनातनी दृढ़ विश्वास के साथ कहते थे कि यह अवश्य बनेगा। आज मंदिर निर्माण का संकल्प साकार हो चुका है। सीएम ने अन्य परियोजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि काशी में विश्वनाथ धाम की भव्यता साकार हो रही है, विंध्याचल में मां विंध्यवासिनी धाम का भव्य रूप विकसित हो रहा है और चित्रकूट रामराज्य की परिकल्पना भी साकार हो रही है। उन्होंने बताया कि पांच हजार वर्ष पूर्व पहले भगवत कथा का आयोजन शुक्रतीर्थ में हुआ था, जिसका गौरव पुनर्स्थापित किया जा रहा है।

अधर्म के खिलाफ सख्त संदेश  : सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विजयादशमी के अवसर पर जहां एक तरफ श्रीराम का राज्याभिषेक और उनकी आरती उतारी जाती है, वहीं दूसरी तरफ रावण के पुतले का दहन भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस समारोह में यह संदेश छिपा है कि जो मानवता के खिलाफ काम करेगा, अत्याचार करेगा और अधर्म एवं असत्य के मार्ग पर चलेगा, उसका ऐसा ही पुतला जलाया जाएगा, चाहे वह कोई भी हो। सीएम ने यह भी कहा कि जो धर्म, सत्य और न्याय के मार्ग पर चलते हुए मानवता का कल्याण करेगा और विरासत एवं विकास में सहभागी बनेगा, उसकी पूजा श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण और रामभक्त हनुमान के रूप में होती रहेगी, और उसका अभिनंदन किया जाएगा।

ये सभी रहे मौजूद
इस अवसर पर महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, अयोध्या से आए धर्मदास, काशी से आए संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, एमएलसी एवं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, प्रदीप शुक्ल, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष चारू चौधरी, पूर्व महापौर सीताराम जायसवाल, चंद्र प्रकाश अग्रवाल, शोभित मोहनदास, भाजपा के जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, लोक गायक राकेश श्रीवास्तव, रामलीला समिति के अध्यक्ष रेवती रमन दास, महामंत्री पुष्पदंत जैन, मनीष अग्रवाल, दीप अग्रवाल, राजीव रंजन अग्रवाल, पंकज अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

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