रोडवेज की खटारा बसों को ठीक कर रही हैं गोरखपुर की बेटियां : छूते ही सड़कों पर दौड़ने लगती है बसें, जानें कैसे

UPT | बस की मशीन का खराबी दूर करतीं हुईं।

Jul 05, 2024 03:27

गोरखपुर में बेटियां रोडवेज के वर्कशाप में खटारा रोडवेज की बसों को पुरुषों के साथ मिलकर ठीक कर रही हैं। इन बेटियों ने आईटीआई किया…

Gorakhpur News : रोडवेज की खटारा बसें गोरखपुर की बेटियों के छूते ही सड़कों पर दौड़ने लगती हैं। आपको बता दें कि अपने आपको शसक्त बनाने के लिए बेटियां हर फील्ड में काम कर रही हैं। वह चाहे कोई भी फील्ड हो। गोरखपुर में बेटियां रोडवेज के वर्कशाप में खटारा रोडवेज की बसों को पुरुषों के साथ मिलकर ठीक कर रही हैं। इन बेटियों ने आईटीआई किया है और परिवहन निगम के राप्तीनगर वर्कशॉप पर बसों के इंजन को बना रही हैं। इनकी नियुक्ति मानदेय पर की है जो कि दो वर्षों से यहां पर अपनी सेवा दे रही हैं। लेकिन इनका मानदेय बहुत कम है। इनको 7800 रुपये महीने पर रखा गया है। यह बेटियां अपने सौंदर्य का परवाह न करते हुए ग्रीस से सने बसों के इंजन को बनाती हैं।     जो काम पुरुष कर सकते हैं वह हम भी कर सकते हैं
बेटियों का कहना है कि हमको यह काम करने में अच्छा लगता है। हम लोग किसी से कम नहीं हैं। जो काम पुरुष कर सकते हैं वह हम भी कर सकते हैं वही इस संबंध में वर्कशॉप में काम करने वाली प्रीति भारती ने उत्तर-प्रदेश टाइम्स से बात करते हुए कहा कि मैंने आईटीआई किया है और हम लोग मानदेय पर काम करते हैं। यहां मुझे दो साल काम करते हो गया है। मैं खराब बसों के पम्प को बनाने काम करती हूं। अभी तक मैने सौ से ज्यादा बसों के पम्प को ठीक किया है। मुझे यह काम करने में अच्छा लगता है। हम लोगों को मानदेय बहुत कम मिलता है लेकिन हम लोग काम कर रहे हैं। वहीं इस संबंध में गोल्डी सिंह ने भी उत्तर प्रदेश टाइम्स से बात करते हुए कहा कि मैं खराब बसों का बेल्ट,आइ वाल,क्राउन व पिस्टन को बनाने का काम करती हूं। यह काम करने में मुझे अच्छा लगता है।    परिवहन निगम के सेवा प्रबंधक ने भी की तारीफ
वहीं इस संबंध में परिवहन निगम के सेवा प्रबंधक मुकेश कुमार ने बताया कि हम लोग बेटियों के काम को सपोर्ट करते हैं जिससे उनका मनोबल बढ़ सके। यहां पर चार लड़किया काम करती हैं जो कि बहुत ही मेहनत व लग्न से काम करती हैं। उनके कामों को देखकर दूसरे कर्मचारी उत्साहित होते हैं। वह यह काम करके अपना घर चला रही है। उनके परिवार के लोगों का भी पूरा सपोर्ट मिल रहा है जिसके वजह से वह यह काम कर पा रही हैं। हम आगे भी बेटियों को जॉइन कराने का काम करेंगे। यदि कोई बेटी यह काम करना चाहती है तो वह आ सकती है।

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