कृषि विभाग की अनोखी पहल : पराली जलाने से बचाएंगे डीकंपोजर, महराजगंज में किसानों को मिल रही मुफ्त बोतलें

UPT | अब पराली जलाने का झंझट खत्म

Nov 01, 2024 12:32

महराजगंज में पराली के निस्तारण के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है। पराली निस्तारण के लिए कृषि विभाग ने अनोखी पहल शुरू की है। किसानों को मुफ्त डीकंपोजर भी मुहैया करा रहा है।

Maharajganj News : महराजगंज कृषि विभाग ने पर्यावरण के लिए हानिकारक बन चुकी पराली के निस्तारण के लिए वेस्ट डीकंपोजर से खाद बनाने के लिए किसानों को जागरूक करना शुरू कर दिया है। इसके लिए कृषि विभाग न सिर्फ किसानों को जागरूक कर रहा है, बल्कि 21 हजार से ज्यादा किसानों को मुफ्त डीकंपोजर भी मुहैया करा रहा है। एक बोतल से एक एकड़ पराली खाद में बदल जाएगी। इस तरह किसानों को पराली जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

जिले में धान की कटाई  शुरू
किसान बाजार से बोतल खरीदकर इसे खुद भी तैयार कर सकते हैं। जिले में धान की कटाई का काम शुरू हो गया है। इन दिनों धान की कटाई का काम जोरों पर है। प्रशासन लगातार किसानों पर पराली न जलाने को लेकर सख्त कार्रवाई कर रहा है। ऐसे में किसान असमंजस की स्थिति में बने हुए हैं।


डीकंपोजर का इस्तेमाल जरूरी
पिछले कुछ सालों में पराली जलाने के मामले में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं और कई किसानों को जुर्माना भी भरना पड़ा है। इस वजह से किसान अब खेतों से पराली उठाकर दूसरी जगहों पर फेंक रहे हैं। किसानों को इस परेशानी से बचाने के लिए डीकंपोजर का इस्तेमाल जरूरी है। यह डीकंपोजर पराली को तय समय में सड़ाकर खाद में बदल देता है।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी हिमाचल सोनकर ने बताया कि वेस्ट डीकंपोजर फंगस से तैयार एक जैविक घोल है। इसे कम मात्रा में गुड़ और पानी में मिलाकर खेत में डालने से पराली सड़ने लगती है। इस क्रिया में ज्यादा समय नहीं लगता है।

प्रयोग करने की विधि  
जिला कृषि रक्षा अधिकारी हिमाचल सोनकर ने बताया कि प्लास्टिक की एक टंकी में 200 लीटर पानी लेकर उसमें दो किलो गुड़ डालकर घोल दें, फिर उसमें डीकंपोजर को मिला दें। इसे एक लकड़ी की सहायता से दो-तीन मिनट तक हिलाएं। यह घोल सात से आठ दिन में तैयार हो जाता है। 200 लीटर के घोल को एक एकड़ में स्प्रे मशीन से छिड़काव करने के बाद यह अपना काम शुरू कर देगी। एक शीशी से बना घोल एक एकड़ खेत की पराली को सड़ाने का काम करती है।

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