सुर्खियों में सिसवा नगर पालिका : शासन ने अधिशासी अधिकारी को किया निलंबित, विधानसभा में उठे मुद्दे के बाद हुई कार्रवाई

UPT | अधिशासी अधिकारी को किया निलंबित

Jul 31, 2024 20:30

उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले की सिसवा नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी शैलेंद्र कुमार गुप्ता को शासन ने निलंबित कर दिया है। यह कदम सिसवा विधायक द्वारा विधानसभा में उठाए गए प्रश्न के बाद उठाया गया...

Maharajganj News : उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले की सिसवा नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी शैलेंद्र कुमार गुप्ता को शासन ने निलंबित कर दिया है। यह कदम सिसवा विधायक द्वारा विधानसभा में उठाए गए प्रश्न के बाद उठाया गया। विधायक ने विधानसभा सत्र के नियम 51 के तहत सवाल पूछे, जिसके बाद शासन ने जिलाधिकारी से जांच करवाई। जांच में आरोपों की पुष्टि होने पर ईओ को निलंबित कर दिया गया।

विवादों में सिसवा नगर पालिका
सिसवा नगर पालिका में चल रहे विवादों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नगर पालिका अध्यक्ष शकुंतला जायसवाल द्वारा अपने चौकीदार पति के नियमों के खिलाफ प्रमोशन और पालिका में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद कार्रवाई का सिलसिला जारी है। पहले, तत्कालीन ईओ रामदुलार यादव को नगर पालिका अध्यक्ष के पक्ष में काम करने के आरोप में निलंबित किया गया। फिर नगर पालिका अध्यक्ष का पॉवर शासन ने सीज किया और फिर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को ईओ ने सस्पेंड कर दिया।



दरअसल, नगर पालिका अध्यक्ष के अधिकारों की समाप्ति के मामले में उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई है। सिसवा नगर पालिका को अपनी ओर से काउंटर दाखिल करना था, और नगर पालिका के प्रशासक ने 19 जुलाई को अधिशासी अधिकारी को इस काउंटर को प्रस्तुत करने का लिखित आदेश भी दिया था।

अधिशासी अधिकारी पर यह है आरोप
सिसवा विधायक के अनुसार, अधिशासी अधिकारी शैलेंद्र गुप्ता ने नियमों की अनदेखी करते हुए काउंटर में सरकार के पक्ष की ओर से कोई जानकारी पेश नहीं की। इसी कारण प्रशासन ने उन्हें दोषी मानते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया। आरोप है कि ईओ ने सरकार के पक्ष की बजाय विपक्ष का पक्ष प्रस्तुत किया, जो सरकार के खिलाफ था।

चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को किया निलंबित
अधिशासी अधिकारी पर यह भी आरोप है कि उन्होंने स्वेच्छा से चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी अनिल गुप्ता को सरकार के खिलाफ पैरोकारी के लिए उच्च न्यायालय भेजा। जब इस पर आपत्ति उठी, तो ईओ ने 8 जुलाई को कर्मचारी को तुरंत निलंबित कर दिया, हालांकि बाद में इस निलंबन का आदेश वापस ले लिया गया। इसके बावजूद, कर्मचारी को फिर से उच्च न्यायालय भेजा गया, और उसकी सेवाओं को पुनः निलंबित कर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।

जिलाधिकारी से जांच की मांग
सिसवा विधायक ने नियम 51 के तहत सरकार का ध्यान इस मामले की ओर आकर्षित करते हुए जिलाधिकारी से जांच की मांग की थी। जांच के बाद, नगर निकाय निदेशालय के निदेशक अनुज कुमार झा ने 30 जुलाई को अधिशासी अधिकारी शैलेंद्र गुप्ता को उच्चाधिकारियों के निर्देशों की अनदेखी और नियमों के खिलाफ काम करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

अजय कुमार त्रिपाठी करेंगे मामले की जांच
निलंबन की अवधि के दौरान, अधिशासी अधिकारी को जिलाधिकारी कार्यालय से जोड़ा गया है। शासन ने विभागीय कार्रवाई के लिए नगर निकाय निदेशालय के सहायक निदेशक अजय कुमार त्रिपाठी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है, जो इस मामले की जांच करेंगे। इस संबंध में जिलाधिकारी अनुनय झा ने बताया कि सिसवा नगर पालिका अध्यक्ष के अधिकारों की समाप्ति के बाद उन्होंने न्यायालय में एक याचिका दाखिल की थी। इस मामले में ईओ को नगर पालिका की ओर से अपना पक्ष प्रस्तुत करना था, लेकिन अधिशासी अधिकारी ने अपनी जिम्मेदारियों की ओर ध्यान नहीं दिया और इसके बजाय चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को भेज दिया।

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