बुंदेलखंड राज्य की मांग पर गरमाया माहौल : राजा बुंदेला और पुलिस में हुई तीखी बहस, सड़क पर लगा लंबा जाम

UPT | राजा बुंदेला

Dec 27, 2024 16:21

बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा के देखरेख में निकाली जा रही "गांव-गांव, पांव-पांव" यात्रा के दूसरे दिन जालौन के एट नगर में माहौल गरमा गया। एट नगर में जुटी भीड़ के कारण सड़क पर यातायात बाधित हो गया।

Jalaun News : बुंदेलखंड राज्य निर्माण की मांग को लेकर बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा के देखरेख में निकाली जा रही "गांव-गांव, पांव-पांव" यात्रा के दूसरे दिन जालौन के एट नगर में माहौल गरमा गया। बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला के संबोधन के दौरान भारी भीड़ जुट गई, जिससे सड़क पर लंबा जाम लग गया। जिसके बाद राजा बुंदेला और पुलिस के बीच बहस छिड़ गई।

राजा बुंदेला और पुलिस के बीच तीखी बहस
एट नगर में जुटी भीड़ के कारण सड़क पर यातायात बाधित हो गया। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए एट कोतवाली प्रभारी निरीक्षक विमलेश कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने भीड़ को हटाने और यातायात बहाल करने का प्रयास किया। इसी दौरान राजा बुंदेला और पुलिस के बीच बहस छिड़ गई। राजा बुंदेला ने आरोप लगाया कि जनता को संबोधन से रोकना उनकी अभिव्यक्ति की आजादी में हस्तक्षेप है। पुलिस ने अपनी ओर से सफाई देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य केवल यातायात सुगम बनाना था। इस बहस के कारण मौके पर हंगामे की स्थिति पैदा हो गई।



स्थानीय लोगों ने शांत कराया मामला
दोनों पक्षों के बीच बहस बढ़ने से माहौल गरम हो गया। स्थिति को बिगड़ता देख स्थानीय लोगों और यात्रा में शामिल अन्य प्रतिनिधियों ने हस्तक्षेप किया और किसी तरह मामला शांत कराया। इसके बाद राजा बुंदेला ने अपना संबोधन पूरा किया और यात्रा को आगे बढ़ा दिया।

यात्रा का उद्देश्य और महत्व
"गांव-गांव, पांव-पांव" यात्रा का मुख्य उद्देश्य पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर जनजागरण करना है। राजा बुंदेला इस यात्रा के माध्यम से जनता को बुंदेलखंड के विकास और स्वायत्तता के महत्व के प्रति जागरूक कर रहे हैं। 26 दिसंबर को शुरू हुई यह यात्रा विभिन्न गांवों और नगरों से गुजरते हुए अपने संदेश को जन-जन तक पहुंचा रही है।

प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति
स्थानीय प्रशासन के लिए यात्रा के दौरान भीड़ को नियंत्रित करना और यातायात व्यवस्था बनाए रखना बड़ी चुनौती साबित हो रही है। पुलिस का कहना है कि वे केवल यातायात प्रबंधन के लिए काम कर रहे थे, जबकि राजा बुंदेला ने इसे आंदोलन को बाधित करने की कोशिश करार दिया।

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