Jhansi News : पत्नी के प्रेमी समेत 3 हत्यारों को उम्रकैद, जिंदा जलाने की घटना पर कोर्ट का बड़ा फैसला

सोशल मीडिया | पत्नी के प्रेमी समेत 3 हत्यारों को उम्रकैद

Dec 18, 2024 06:15

झांसी कोर्ट ने युवक को जिंदा जलाने वाले पत्नी के प्रेमी समेत तीन हत्यारों को उम्रकैद की सजा सुनाई। जानें इस सनसनीखेज मामले की पूरी कहानी और कोर्ट का अहम फैसला।

Jhansi News : 7 साल पुराने दिल दहला देने वाले मामले में कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया। विशेष न्यायाधीश धीरेंद्र कुमार-तृतीय ने युवक को जिंदा जलाकर मारने के आरोप में पत्नी के प्रेमी समेत तीन लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही, तीनों पर 15-15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। जुर्माना न देने पर तीनों को 3-3 माह अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी होगी।

मामला: आपत्तिजनक हालत में देखे जाने पर हुआ विवाद
घटना मई 2017 की है जब दिलीप (36), जो राजमिस्त्री का काम करता था, ने अपनी पत्नी अनीता को राजू यादव के साथ आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। उस वक्त घर के बाहर नरेंद्र अहिरवार मौजूद था। इस घटना के बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया था।

हत्या की साजिश और दर्दनाक वारदात
विशेष लोक अभियोजक केशवेंद्र प्रताप सिंह और कपिल करोलिया ने बताया कि विवाद के बाद अनीता, राजू यादव और नरेंद्र अहिरवार ने मिलकर दिलीप की हत्या की साजिश रची। 26 जून 2016 की रात दिलीप को किराए के घर में बुलाया गया और मारपीट की गई। जब दिलीप ने शोर मचाकर मदद की गुहार लगाई तो राजू यादव ने उसके ऊपर केरोसिन डालकर आग लगा दी। जिंदा जलने से दिलीप की मौके पर ही मौत हो गई।

पत्नी को मिली संदेह का लाभ, तीन दोषियों को सजा
इस मामले में दिलीप की पत्नी अनीता भी आरोपी थी, लेकिन कोर्ट ने उसे संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। जबकि राजू यादव, नरेंद्र अहिरवार और बृजकिशोर को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई गई।

घटना का बैकग्राउंड: पहले इश्क, फिर हत्या की साजिश
दिलीप का 2011 में पत्नी रूबी से तलाक हो गया था। इसके बाद अनीता उसकी जिंदगी में आई और दोनों पति-पत्नी की तरह रहने लगे। हालांकि, अनीता के राजू यादव और नरेंद्र अहिरवार से प्रेम संबंध थे। दिलीप की अच्छी इनकम के बावजूद अनीता ने प्रेमियों के साथ मिलकर इस भयावह घटना को अंजाम दिया।

अदालत का संदेश: अपराधियों को नहीं मिलेगी राहत
यह फैसला झांसी की अदालत का एक अहम कदम है, जिससे समाज में यह संदेश गया है कि संगीन अपराधों में दोषियों को किसी भी तरह की राहत नहीं दी जाएगी। दोषियों को उम्रकैद की सजा के साथ आर्थिक दंड भी यह सुनिश्चित करता है कि न्याय प्रणाली हर पीड़ित को न्याय देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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