Dec 15, 2024 08:38
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झांसी मंडल के दतिया स्टेशन पर तैनात सीनियर सेक्शन इंजीनियर (टेली) कैलाश नारायण पाल (56) का शुक्रवार रात हार्ट अटैक से निधन हो गया। ड्यूटी से घर लौटते समय उन्हें अचानक सीने में दर्द हुआ और उन्हें झांसी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
Jhansi News : झांसी में रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर (एसएसई) कैलाश नारायण पाल (56) का शुक्रवार रात हार्ट अटैक से निधन हो गया। परिजनों ने बताया कि वे ड्यूटी से लौटने के बाद अचानक सीने में दर्द की शिकायत करने लगे। उन्हें तुरंत दतिया अस्पताल ले जाया गया, जहां हार्ट अटैक की पुष्टि हुई। इसके बाद झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। कैलाश नारायण दतिया स्टेशन पर तैनात थे।
पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के बाद सौंपा
शनिवार को पुलिस ने पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूरी कर शव परिजनों को सौंप दिया। मौत के बाद से परिजनों और करीबी जनों में शोक का माहौल है।
दतिया में परिवार के साथ रहते थे कैलाश नारायण
रेलवे में एसएसई (टेली) के पद पर तैनात कैलाश नारायण पाल प्रेमनगर थाना क्षेत्र के खाती बाबा इलाके के रहने वाले थे। उनकी पोस्टिंग झांसी मंडल के दतिया स्टेशन पर थी। वे अपनी पत्नी सविता और छोटे बेटे अंकित के साथ दतिया में रहते थे।
ड्यूटी से लौटने के बाद अचानक बिगड़ी तबीयत
परिजनों के अनुसार, शुक्रवार रात ड्यूटी से लौटने के बाद कैलाश नारायण को अचानक सीने में दर्द हुआ। उन्हें तुरंत दतिया अस्पताल ले जाया गया, जहां से झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
दोनों बेटे कर रहे हैं पढ़ाई
कैलाश नारायण के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा आशीष बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से बीएएमएस की पढ़ाई कर रहा है, जबकि छोटा बेटा अंकित दतिया से नर्सिंग की पढ़ाई कर रहा है। उनकी पत्नी सविता घर संभालती हैं। कैलाश नारायण की मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
परिवार और सहकर्मियों में शोक
कैलाश नारायण की असमय मृत्यु से परिवार ही नहीं, रेलवे विभाग और उनके सहकर्मी भी सदमे में हैं। रेलवे के कई कर्मचारियों ने उन्हें मेहनती और समर्पित कर्मचारी बताया। उनके अंतिम संस्कार में परिवार और रेलवे विभाग के कई लोग शामिल हुए।
हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों पर चिंता
यह घटना एक बार फिर हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारी पर सवाल खड़ा करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि तनाव और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण हार्ट अटैक के मामले बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ नियमित जांच और जीवनशैली में सुधार पर जोर दे रहे हैं।