Jhansi News : झूठे वादों के जाल में फंसी संजना, सिस्टम की खामियों ने ली होनहार छात्रा की जान

फ़ाइल फोटो | संजना कुशवाहा।

Jun 24, 2024 01:17

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की एक मेधावी छात्रा ने छात्रवृत्ति न मिलने से हताश होकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में उसने लिखा कि उसने बहुत मेहनत की, लेकिन अधिकारियों ने झूठे आश्वासन देकर उसे निराश किया।

Jhansi News : बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की छात्रा संजना कुशवाहा (18 वर्ष) को 28 हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिलनी थी, लेकिन अधिकारियों द्वारा टालमटोल के कारण यह राशि उसे नहीं मिल सकी। अपनी बीमार मां को लेकर वह विकास भवन तक गई, लेकिन किसी ने उसकी सुनवाई नहीं की। हताश होकर उसने गुरुवार रात अपने घर के बाहर जामुन के पेड़ पर फंदा लगाकर जान दे दी। पुलिस को मिले सुसाइड नोट में उसने लिखा कि उसने बहुत मेहनत की, लेकिन अधिकारियों ने सिर्फ झूठे आश्वासन दिए।

छात्रवृत्ति के लिए भटकती रही संजना
संजना कुशवाहा की आत्महत्या ने झांसी में सिस्टम की एक बड़ी खामी को उजागर किया है। वह बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से लेकर समाज कल्याण विभाग तक के चक्कर काटती रही, लेकिन हर जगह से निराशा ही मिली। संजना मेधावी थी और साथ ही एनसीसी कैडेट थी, जो पुलिस में भर्ती होने का सपना देखती थी। उसे उम्मीद थी कि छात्रवृत्ति के पैसे से उसकी पढ़ाई जारी रह सकेगी, लेकिन अफसरों के झूठे वादों ने उसकी उम्मीदों को चूर-चूर कर दिया।

सुसाइड नोट में उभरा दर्द और असफल सिस्टम
संजना ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि उसने यह कदम इसलिए उठाया ताकि लोगों को पता चल सके कि वह कितनी परेशान थी। उसने लिखा कि उसकी छात्रवृत्ति की राशि 28 हजार रुपये नहीं आई, जबकि सभी के आ चुके थे। उसने अपने आधार कार्ड की फीडिंग के लिए विकास भवन और बैंक तक का दौरा किया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। संजना ने लिखा कि उसने और उसकी मां ने बहुत मेहनत की, लेकिन अंततः उन्हें निराशा ही मिली। इसके बावजूद, अधिकारियों का कहना है कि छात्रवृत्ति का प्रोसेस पूरा हो चुका था, लेकिन तकनीकी कारणों से पैसे संजना के खाते में नहीं पहुंच सके।

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