Jhansi News : बिकरू कांड के शहीद सुल्तान की पत्नी को नहीं मिली नौकरी, बुढ़ापे में भी नहीं मिटा सरकार का कर्ज

UPT | शहीद सुल्तान की पत्नी को नौकरी नहीं मिली, 4 साल से परिवार जूझ रहा है

Oct 21, 2024 10:17

बिकरू कांड में शहीद सुल्तान सिंह की पत्नी उर्मिला को सवा 4 साल बाद भी नौकरी नहीं मिली है। सरकार ने शहीद परिवार को नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन शारीरिक परीक्षा में छूट न मिलने से उर्मिला की नौकरी अटकी हुई है।

Jhansi News : पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर बिकरू कांड के शहीद सुल्तान सिंह की याद ताजा हो गई है। शहीद के पिता हरप्रसाद श्रीवास ने सरकार के वादे को याद करते हुए कहा कि उनकी बहू उर्मिला को अभी तक अनुकंपा नौकरी नहीं मिली है।

क्या था मामला?

दो जुलाई 2020 को कानपुर के बिकरू में खूंखार बदमाश विकास दुबे को पकड़ने गए सीओ समेत 8 पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई थी। इनमें झांसी के भोजला गांव के रहने वाले सुल्तान सिंह भी शामिल थे। सरकार ने शहीदों के परिजनों को एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद के साथ-साथ मृतक आश्रित कोटे में नौकरी देने का वादा किया था। हालांकि, सुल्तान की पत्नी उर्मिला को अभी तक नौकरी नहीं मिल पाई है।

शारीरिक परीक्षा में छूट न मिलने से अटकी नौकरी

सरकार ने बाद में शारीरिक एवं लिखित परीक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया। अधिक उम्र हो जाने के कारण उर्मिला के लिए पुलिस विभाग के मानक के मुताबिक शारीरिक परीक्षा पास करना मुश्किल है। बीएड डिग्री होने के नाते शिक्षा विभाग में नौकरी दिलाने की बात की गई। मगर, इसे सरकार ने ठुकरा दिया।

शहीद के पिता ने लगाई न्याय की गुहार

शहीद के पिता हरप्रसाद श्रीवास ने कहा कि उनके बेटे ने देश के लिए अपनी जान दी थी। सरकार ने नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन अब तक पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि उनकी बहू को जल्द से जल्द नौकरी दी जाए।

शहीद सुल्तान का जीवन

सुल्तान सिंह का जन्म झांसी के भोजला गांव में हुआ था। मुलायम सिंह की सरकार में उनकी यूपी पुलिस में सिपाही पद पर नौकरी लग गई थी। 2020 में वह कानपुर में तैनात था।

शहीद की याद में बना स्मृति द्वार

भोजला गांव में शहीद सुल्तान सिंह की याद में एक स्मृति द्वार बनाया गया है।

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