कानपुर में जनसुनवाई मामले में समय से शिकायतों का निस्तारण न होने से और दिसंबर माह की रिपोर्ट आने के बाद नामित नोडल अधिकारी की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। नोडल अधिकारी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया है।
Jan 11, 2025 06:55
कानपुर में जनसुनवाई मामले में समय से शिकायतों का निस्तारण न होने से और दिसंबर माह की रिपोर्ट आने के बाद नामित नोडल अधिकारी की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। नोडल अधिकारी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जबाब तलब किया है।
Kanput News: कानपुर में जनसुनवाई मामले में समय से शिकायतों का निस्तारण न होने से और दिसंबर माह की रिपोर्ट आने के बाद नामित नोडल अधिकारी की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। क्योंकि शिकायतों का समाधान न होने पर शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कराई है।जिसके चलते नोडल अधिकारी ने डेढ़ दर्ज विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
लापरवाही के कारण कटे नंबर
बता दें की जनसुनवाई के दौरान शहर के लोग अपनी अपनी शिकायतें लेकर संबंधित विभाग पहुंचे थे,लेकिन उनकी शिकायतों का समय से निस्तारण नहीं हो सका जिसके बाद पीड़ितों ने अपनी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई थी।दिसंबर में नगर निगम की कुल 196 शिकायतें,केस्को की 184, उप्र स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी की 45 शिकायतें डिफाल्टर श्रेणी में रही थी।शासन स्तर से समीक्षा की गई तो आईजीआरएस की रैंकिंग में इस लापरवाही के कारण नंबर कट गए।इससे जिलें की रैंकिंग 49 वें नंबर पर अटक गई। एडीएम सिटी ने बताया कि विभागों ने शिकायतों का समय से निस्तारण नहीं किया। जिस कारण ये डिफाल्टर श्रेणी में पहुंच गई। सभी लापरवाह विभागों के अफसरों को नोटिस जारी कर सुधार करने के लिए कहा है।
इन विभागों को जारी हुआ नोटिस
जिन विभागों के अफसर को नोटिस जारी की गई है उनमें नगर निगम के अपर नगर आयुक्त, विद्युत विभाग के अधिशासी अभियंता, उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के क्षेत्रीय प्रबंधक, नगर पालिका परिषद बिल्हौर, राजस्व एवं आपदा विभाग के अपर नगर मजिस्ट्रेट चतुर्थ, अपर नगर मजिस्ट्रेट पष्टम,चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सीएमओ, वाणिज्य कर विभाग के अपर आयुक्त वन जिला, विद्यालय निरीक्षक, बीएसए,क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी, सिंचाई विभाग, विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता, राजस्व एवं आपदा विभाग के अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम,सिंचाई एवं संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता,जिला समाज कल्याण अधिकारी, उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक है।
30 दिनमे शिकायतों का करना होता है निस्तारण
जानकारी के मुताबिक आईएचआरएस पोर्टल पर अगर कोई शिकायत होती है तो 30 दिन में उसको जिला स्तरीय अधिकारी को निस्तारित करना होता है।अगर अधिकारी या कर्मचारी द्वारा शिकायत निस्तारण में शिकायत बरती जाती है तो वह डिफॉल्टर श्रेणी में पहुंच जाती है। इसके बाद इसकी मॉनिटरिंग शासन स्तर से होती है। इन शिकायतों के नंबर प्रत्येक माह जारी होने वाली आईजीआरएस रैंकिंग में भी काटे जाते हैं। इसका असर जिले की रैंकिंग पर भी पड़ता है।