Dec 10, 2024 19:37
https://uttarpradeshtimes.com/kanpur-nagar/assembly-speaker-laid-the-foundation-stone-of-the-road-mp-expressed-objection-wrote-a-letter-asking-for-clarification-54541.html
कानपुर में बीते शनिवार को सीएम ग्रीड योजना के तहत बर्रा बाईपास कर्रही में निर्माण होने वाली सड़क के शिलान्यास के बाद अब एक नया मामला सामने आया है। जो शहर की राजनीति से जुड़ा है। सड़क के शिलान्यास को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और अकबरपुर लोकसभा के सांसद देवेंद्र सिंह भोले की राजनीतिक लड़ाई सामने आई है।
Kanpur News : कानपुर में बीते शनिवार को सीएम ग्रीड योजना के तहत कर्रही में निर्माण होने वाली सड़क के शिलान्यास के बाद अब एक नया मामला सामने आया है। जो शहर की राजनीति से जुड़ा है। सड़क के शिलान्यास को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और अकबरपुर लोकसभा के सांसद देवेंद्र सिंह भोले की राजनीतिक लड़ाई सामने आई है। जिसमें देवेंद्र सिंह भोले ने शीलापट में अपना नाम न होने पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि मुझे कार्यक्रम को लेकर कोई भी जानकारी नहीं दी गई।जिसको लेकर सांसद ने नगर आयुक्त को पत्र भेजकर स्पष्टीकरण मांगा है।
सांसद ने जताई नाराजगी
बता दें कि सीएम ग्रीड योजना के तहत बर्रा बाईपास से अर्रा रोड का 60 करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण कार्य होना है। जिसको लेकर बीते शनिवार 7 दिसंबर को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, मेयर प्रमिला पांडे और नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने भूमि पूजन कर शिलान्यास किया था।शिलान्यास के बाद अब इसको लेकर कानपुर से अकबरपुर लोकसभा सांसद देवेंद्र सिंह भोले और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की राजनीतिक लड़ाई सामने आई है। मामले को लेकर लोकसभा सांसद देवेंद्र सिंह बोल नेनाराजगी जताई है उन्होंने कहा है कि मेरे लोकसभा क्षेत्र में सीएम ग्रीड योजना के तहत सड़क का निर्माण कार्य होना है जिसका बीते शनिवार को शिलान्यास भी कर दिया गया और मुझे कार्यक्रम को लेकर किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी गई ना ही शीला पट पर मेरा नाम लिखा गया है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कानपुर महानगर के विकास कार्यों की समीक्षा के मध्य आवश्यक कार्यों का विकास करने हेतु क्षेत्रीय विधायक व संसद की राय एवं अनुशंसा से आवश्यकता को देखते हुए मौखिक रूप से निर्देश देते है।
पत्र जारी कर एक हफ्ते में मांगा स्पष्टीकरण
सांसद देवेंद्र सिंह मामले में नगर आयुक्त सुधीर कुमार से नाराजगी जताई है और स्पष्टीकरण तलब किया है।उन्होंने पूछा है कि आखिर किन कारणों से शीलापट पर मेरा नाम ना लिखे जाने की जरूरत नहीं समझी गई।एक हफ्ते में इसका जवाब दें।अन्यथा प्रकरण को विशेषाधिकार समिति में लेकर जाऊंगा।