कानपुर के जेपी एसोसिएट ग्रुप की ओर से संचालित कानपुर फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड कंपनी में अघोषित तालाबंदी होने से कंपनी में संविदा में काम करने वाले सैकड़ो मजदूर रोजी-रोटी के लिए मोहताज हो गए हैं। कर्मचारियों को काम मिलना बंद हो गया है।
Jan 21, 2025 07:36
कानपुर के जेपी एसोसिएट ग्रुप की ओर से संचालित कानपुर फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड कंपनी में अघोषित तालाबंदी होने से कंपनी में संविदा में काम करने वाले सैकड़ो मजदूर रोजी-रोटी के लिए मोहताज हो गए हैं। कर्मचारियों को काम मिलना बंद हो गया है।
Kanpur News: कानपुर के जेपी एसोसिएट ग्रुप की ओर से संचालित कानपुर फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड कंपनी में अघोषित तालाबंदी होने से कंपनी में संविदा में काम करने वाले सैकड़ो मजदूर रोजी-रोटी के लिए मोहताज हो गए हैं। कर्मचारियों को काम मिलना बंद हो गया है। यह कर्मचारी रोजाना कंपनी में काम करने के लिए बुलाए जाते थे,लेकिन ताला बंदी के आदेश के बाद अब यह सड़क पर आ गए।वही श्रमिक संगठन एटक ने प्रधानमंत्री को ईमेल के जरिए पत्र भेजा है।
कंपनी के सीईओ ने पिछले हफ्ते कंपनी को बंद करने के दिये थे आदेश
जानकारी के मुताबिक जेपी एसोसिएट ग्रुप की ओर से संचालित पनकी स्थिति फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड में गेल से गैस आपूर्ति ठप होने और सब्सिडी रुकने से 18 दिसंबर से उत्पादन बंद है।कंपनी पर 650 करोड रुपए का बकाया था।अभी तक 354 करोड़ का भुगतान हो चुका है। कंपनी में भारत छाप यूरिया का प्रतिदिन 2100 मीट्रिक टन उत्पादन होता है, वही एक हफ्ते पहले सूत्रों ने बताया था कि कंपनी के सीईओ आलोक गौड़ शहर आए थे और उन्होंने कारखाना चलाने में असमर्थता जाहिर करते हुए कंपनी में काम करने वाले मजदूरों का वेतन जारी करने और बंदी की कागजी प्रक्रिया के आदेश मानव संसाधन विभाग को दिए थे।
श्रमिक संगठन कर रहा है विरोध
वही कंपनी के सीईओ द्वारा इस जारी आदेश के बाद श्रमिक संगठन एटक ने इसका विरोध जताया था और वह लगातार मजदूरों की हित में अपनी आवाज उठा रहा है।वही एक ओर जहा इस मामले को कोर्ट में ले जाने की बात कर रहा है।वही दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ईमेल के जरिए पत्र भेजकर मामले से अवगत कराने का प्रयास कर रहा है।ताकि कंपनी में काम करने वाले मजदूरों की रोजी रोटी चल सके।कंपनी के आदेश के बाद से मजदूर काफी परेशान दिख रहा है।
500 संविदा कर्मचारी को काम मिलना हुआ बंद
श्रमिक संगठन एटक के सचिव ने बताया की केएफसीएक के उत्पादन में लगभग 200 श्रमिक लगे हुए हैं।हर महीने लगभग 67,000 मीट्रिक टन उत्पादन हो रहा था।कंपनी ने अप्रत्यक्ष रूप से रेलवे विद्युत जलकल विभागों को लाभ प्राप्त होने के साथ ही देश के किसानों को भी सस्ते दर पर खाद उपलब्ध कराई जाती है। सरकार की ओर से किसानों को सस्ते दर पर खाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केएफसीएल को अनुदान दिया जा रहा था। कंपनी को समय से अनुदान ना मिलने से गेल ने 18 दिसंबर 2024 से गैस की आपूर्ति बंद कर दी थी।जिससे खाद उत्पादन बनना बंद हो गया है।उन्होंने बताया कि कारखाने में करीब 500 संविदा कर्मचारी है,जो ठेकेदार के जरिए बुलाए जाते थे।उत्पादन बंद होने से उन्हें काम मिलना बंद हो गया है।