बड़ी कार्रवाई : कन्नौज में 275 बीघा जमीन में खड़ी फसल पर चला प्रशासन का ट्रैक्टर, ग्रामीण अधिकारियों से करते रहे मिन्नतें

UPT | फसल पर चला ट्रैक्टर

Dec 28, 2024 18:00

कन्नौज जिले में प्रशासन ने 275 बीघा जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने के लिए बड़ी कार्रवाई की है। इस जमीन पर ग्रामीणों द्वारा अवैध रूप से खेती की जा रही थी, और प्रशासन ने इसे मुक्त कराने के लिए ट्रैक्टर चलवाकर खड़ी फसल को नष्ट कर दिया।

Short Highlights
  • प्रशासन ने यह कार्रवाई सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर की
  • ग्रामीणों ने अधिकारियों से मिन्नतें कीं और कार्रवाई को रोकने की अपील की, लेकिन प्रशासन ने आदेश का पालन करते हुए कार्रवाई जारी रखी
  • सरकारी अभिलेखों में यह जमीन पशुचर के रूप में दर्ज है
Kannauj News : यूपी के कन्नौज में प्रशासन का सख्त एक्शन देखने को मिला है। सौरिख विकास खंड के ग्यासपुर गांव में 1100 बीघा जमीन राजस्व विभाग के अभिलेखों में चारागाह के रूप में दर्ज है। जमीन के कुछ हिस्सों पर ग्रामीणों ने गेंहू की फसल बो रखी है। शिकायत पर प्रशासन ने 275 बीघा जमीन जमीन पर तैयार हो रही आलू, सरसों और गेंहू की फसल को जुतवाकर कब्जा मुक्त करा लिया।  इस दौरान ग्रामीण अधिकारियों से खड़ी फसल पर ट्रैक्टर नहीं चलाने की मिन्नतें करते रहे।

गांव सभा में ग्यासपुर में गाटा संख्या 196 की करीब 1100 बीघा जमीन पशुचर की जमीन के रूप में दर्ज है। इस जमीन के कुछ हिस्से पर गांव के सिराजुद्दीन, दर्शन, बृजनंद, अरविंद, रामश्री, विकास समेत कई ग्रामीणों ने कब्जा कर आलू, सरसों और गेहूं की फसल बो रखी थी। गांव के प्रताप नारायण ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल में की थी।

ट्रैक्टर से जुतवा कर 275 बीघा जमीन खाली कराई 
सीएम कार्यालय के निर्देश पर जिला प्रशासन ने एसडीएम उमाकांत तिवारी को कार्रवाई के निर्देश दिए। एसडीएम राजस्व और पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पैमाइस शुरू होते ही कब्जा धारकों में हड़कंप मच गया। एसडीएम ने बताया कि पैमाइस के बाद 275 बीघा जमीन पर फसलों को जुतवाकर कब्जा मुक्त करा लिया गया है। वहीं, ग्रामीण फसल पकने तक की अधिकारियों से मोहलत मांग रहे थे।

दो साल पहले भी जिला प्रशासन ने की थी कार्रवाई 
पशुचर की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत पर दो साल पहले तत्कालीन एसडीएम अनिल सरोज ने राजस्व और पुलिस फोर्स के साथ जेसीबी और ट्रैक्टर लगाकर जमीन खाली कराई थी। उस समय प्रशासन ने लाखों रुपयों की धान की फसल को जब्त कर कब्जा मुक्त हुई जमीन को ग्राम पंचायत के सुपुर्द कर दिया था।

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