Kannauj News:  चौथे चरण के चुनाव के लिए कल से शुरू हो रही नामांकन प्रक्रिया, कन्नौज सीट से प्रत्याशी के नाम पर सस्पेंस बरकरार

UPT | सपा मुखिया अखिलेश यादव

Apr 17, 2024 16:49

समाजवादी पार्टी ने कन्नौज लोकसभा सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। जिसकी वजह से विपक्षी पार्टियों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जबकि 18 अप्रैल से नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो रही है।

Kannauj News: लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान एक महीने पहले हो गया था। तीसरे चरण के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया भी लगभग पूरी होने वाली है। वहीं, चौथे चरण के चुनाव के लिए गुरूवार से नामांकन प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। लेकिन हैरानी की बात है कि सपा को अपने ही गढ़ कन्नौज में प्रत्याशी नहीं मिल रहा है। कन्नौज लोकसभा सीट पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। इस सीट पर सपा मुखिया के उतरने की चर्चा जोरों पर थीं। लेकिन सपा की तरफ से किसी तरह की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

कन्नौज लोकसभा सीट पर सपा ने प्रत्याशी के नाम का एलान नहीं किया है। जिसकी वजह से बीजेपी, बसपा के खेमे में हलचल बढ़ गई है। वहीं, कन्नौज में सपाईयों के बीच भी असंतोष की स्थिति बनी हुई है। सपा की चुप्पी सियासी पारा बढ़ा रही है। जानकारों का मानना है कि इसके पीछे सपा मुखिया अखिलेश यादव की सोची-समझी चाल है। विपक्षी पार्टियों को उलझा कर रखना चाहते हैं। अखिलेश यादव बीते दो अप्रैल को कन्नौज कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल हुए थे। उन्होंने इशारों-इशारों में कन्नौज को कभी नहीं छोड़ने की बात कही थी।

18 अप्रैल से शुरू हो रहा नामांकन
कन्नौज में विपक्षी पार्टियों को उम्मीद थी कि सपा ईद के बाद प्रत्याशी के नाम का एलान कर देगी। लेकिन समाजवादी पार्टी ने प्रत्याशी के नाम का एलान नहीं किया। इसके बाद उम्मीद जताई जाने लगी कि नवरात्र के बाद सपा प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हैरानी के बात है कि 18 अप्रैल से नामांकन प्रकिया शुरू हो रही है। नामांकन प्रक्रिया 25 अप्रैल तक चलेगी।

सपा ने नहीं खोले पत्ते
बीजेपी ने वर्तमान सांसद सुब्रत पाठक पर एक बार फिर से भरोसा जताया है। लोकसभा चुनाव 2019 में सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को बहुत ही कम अंतराल से हराया था। वहीं, बसपा सुप्रीमों ने मायावती ने अकील अहमद पट्टा का टिकट काट कर इमरान बिन जाफर को उतारा है। बसपा को कन्नौज में प्रभावशाली चेहरा नहीं मिल रहा था। लेकिन सपा ने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं।
 

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