लोकसभा चुनाव के अनुभव को देखते हुए बीजेपी सीसामऊ उपचुनाव में सिख मतदाताओं को अपने साथ लाने की कोशिश कर रही है...
Kanpur News : लोकसभा चुनाव के अनुभव को देखते हुए बीजेपी सीसामऊ उपचुनाव में सिख मतदाताओं को अपने साथ लाने की कोशिश कर रही है। पार्टी 1984 के दंश को फिर से उजागर कर इस समुदाय के समर्थन से जीत की राह आसान बनाने की रणनीति बना रही है।
छोटे समुदाय के मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश
बीजेपी के लिए सीसामऊ सीट नाक का सवाल बन गई है। पार्टी यहां जीत हासिल कर अपने पुराने सपनों को साकार करना चाहती है। सिख समुदाय के लगभग 17 हजार मतदाताओं को जोड़ने के प्रयास में है। पिछले चुनाव में 12 हजार वोटों के अंतर को ध्यान में रखते हुए बीजेपी विभिन्न छोटे समुदायों के मतदाताओं को एकजुट करने की कोशिश कर रही है।
याद दिलाया 1984 का दंश
बीजेपी के मंत्री सुरेश खन्ना और कानपुर बुंदेलखंड अध्यक्ष प्रकाश पाल ने हाल ही में एक जनसभा का आयोजन किया। इसमें बड़ी संख्या में सिख मतदाता शामिल हुए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिख समुदाय के सामने 1984 के दंश को फिर से जीवित करना था। बीजेपी नेता इस दौरान कांग्रेस के शासन के दौरान हुए अत्याचारों की याद दिलाते हुए सिख मतदाताओं को सचेत कर रहे थे कि अगर वे इंडिया गठबंधन की ओर झुकेंगे तो उनका दर्द फिर से दोहराया जा सकता है।
इस सीट पर जीत भाजपा के लिए होगी उपलब्धि
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सिख मतदाता कांग्रेस से जुड़े दर्द को याद कर इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी नसीम को समर्थन देंगे या बीजेपी के साथ मिलकर जीत की ओर बढ़ेंगे। यदि बीजेपी इस सीट पर जीत हासिल करती है तो यह उनके लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी। हालांकि इस कयास पर मुहर अंतिम तौर पर 23 नवंबर को ही लगेगी।