मनमोहन सिंह का कानपुर से था खास नाता : आईआईटी से मिली थी मानद उपाधि, सरलता और सौम्यता के लिए किए जाएंगे याद

UPT | मनमोहन सिंह का कानपुर से था खास नाता

Dec 27, 2024 14:05

वर्ष 2010 में डॉ. मनमोहन सिंह ने बतौर प्रधानमंत्री कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में आयोजित 42वें दीक्षांत समारोह में शिरकत की थी। यह अवसर भारतीय राजनीति और शिक्षा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पल था...

Kanpur News : देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। वे भारतीय राजनीति के एक महान नेता थे। जिन्हें हमेशा उनके कार्यकाल में देश में लाए गए आर्थिक सुधारों और उदारीकरण के लिए याद किया जाएगा। उनके निधन से देश ने एक महान नेता को खो दिया है और उनका योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में अमिट रहेगा। लेकिन उनका कानपुर से भी एक खास संबंध था। जो हमेशा उनकी यादों का हिस्सा रहेगा।

कानपुर आईआईटी में ऐतिहासिक उपस्थिति
वर्ष 2010 में डॉ. मनमोहन सिंह ने बतौर प्रधानमंत्री कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) में आयोजित 42वें दीक्षांत समारोह में शिरकत की थी। यह अवसर भारतीय राजनीति और शिक्षा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पल था, क्योंकि यह पहली बार था जब किसी प्रधानमंत्री ने कानपुर आईआईटी में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। इस दौरान डॉ. सिंह को मानद उपाधि से नवाजा गया था और वे उस समय आईआईटी कानपुर के मानद उपाधि पाने वाले पांचवे व्यक्ति बने थे।


आईआईटी कानपुर के दीक्षांत समारोह में पीएम की उपस्थिति
प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह का यह कार्यक्रम खास था, क्योंकि उन्होंने न केवल छात्रों और कर्मचारियों से संवाद किया, बल्कि इस समारोह के दौरान कानपुर के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना का भी शुभारंभ किया था। उनकी सादगी और मिलनसारिता ने लोगों को प्रभावित किया था। समारोह के दौरान वे छात्रों के बीच सहज दिखे और उन्होंने उनसे गहरे और प्रेरणादायक संवाद किए। जिससे छात्रों के दिलों में एक विशेष जगह बना ली थी।

मनमोहन सिंह का सादगी भरा व्यक्तित्व
डॉ. मनमोहन सिंह को उनकी सादगी और शांत स्वभाव के लिए जाना जाता था। उनके आचरण और व्यक्तित्व ने उन्हें न केवल भारत बल्कि दुनिया भर में सम्मान दिलाया। इससे पहले भी 1996 में वह कानपुर आए थे जब उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के समर्थन में प्रचार किया था। उनके शांत और सौम्य व्यवहार ने हर किसी को उनका कायल बना दिया था। बड़े-बड़े पदों पर रहते हुए भी उन्होंने हमेशा अपनी विनम्रता और कड़ी मेहनत से लोगों के दिलों में खास स्थान बनाया।

देश के विकास में योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह ने हमेशा ही देश की प्रगति और विकास को प्राथमिकता दी। उनका कार्यकाल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक मील का पत्थर था और उनका नाम हमेशा उदारीकरण के साथ जुड़ा रहेगा। उनके निधन से जो शून्य पैदा हुआ है। उसे कभी भी भर पाना मुश्किल होगा। उनके योगदान को याद करते हुए भारतीय जनता उनके प्रति हमेशा सम्मान और श्रद्धा रखेगी।

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