Lucknow News : नदी में नाव पर योग करने से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

UPT | छात्रों ने नाव पर योगासन का प्रदर्शन किया।

Jun 04, 2024 03:08

नदी में नाव पर योगासन के अभ्यास से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इस तरह के अभ्यास से फेफड़े, हृदय और मांसपेशियों की कार्य क्षमता बढ़ती है।

Lucknow News : लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने गोमती नदी में नाव पर योगासन का प्रदर्शन किया। छात्रों ने उत्तान मंडूकासन, पर्वतासन,  त्रिकोणासन जैसे आसनों और अनुलोम-विलोम, भ्रामरी प्राणायाम, शीतकारी प्राणायाम का अभ्यास किया। लविवि के फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन और यूजीसी के इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर योगिक साइंस की ओर से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024 के मद्देनजर कई तरह के आयोजन किए जा रहे हैं।  सूर्योदय के समय शंख एवं बांसुरी वादन के साथ गोमती नदी के कुड़िया घाट पर नाव पर योगाभ्यास शिविर का शुभारंभ हुआ।

शरीर में ऊर्जा और चेतना का स्तर बढ़ता है
यहां योग फैकल्टी के छात्रों ने प्रशिक्षक डॉ. रामकिशोर की अगुवाई में कई तरह के प्राणायाम, आसन और अनुलोम-विलोम किया। समन्वयक डॉ. अमरजीत यादव ने बताया कि प्राचीन मान्यता है कि नदी में नाव पर योगासन के अभ्यास से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इस तरह के अभ्यास से फेफड़े, हृदय और मांसपेशियों की कार्य क्षमता बढ़ती है। नदी में अभ्यास से मानव शरीर के फेफड़े सक्रिय हो जाते हैं। परिणाम स्वरुप शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा संतुलित होने लगती है। शरीर के लिए हानिकारक कार्बन डाइऑक्साइड तेजी से शरीर से बाहर निकलती है। इससे शरीर में ऊर्जा और चेतना का स्तर बढ़ता है। 

लीवर-दिमाग रहता स्वस्थ
डॉ. अमरजीत यादव का कहना है कि नदी के जल में सूर्य की किरणों के पड़ने से उस स्थान पर विशेष प्रकार की ऊर्जा का प्रकटीकरण होता है। ऐसे वातावरण में योग करने से शरीर में रक्त परिसंचरण संतुलित होता है और शरीर की विषाक्तता कम होती है। रहस्यमय संभावनाओं से युक्त मस्तिष्क की कार्य क्षमता भी बढ़ती है। उन्होंने कहा कि शरीर की रासायनिक प्रयोगशाला लीवर है। संतुलित खान-पान के साथ योग किया जाए तो लीवर स्वस्थ्य रहता है।

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