यूपी में कई लाख डीएल अटके : अप्लाई के बाद भी महीनों से करना पड़ रहा है इंतजार, बढ़ती ही जा रही है पेंडेंसी

UPT | प्रतीकात्मक फोटो

Aug 20, 2024 20:02

यूपी में डीएल के लिए अप्लाई करने वाले 1 लाख लोगों के लिए यह खबर बेहद झटका देने वाली है। उन्हें अपने डीएल के लिए फिलहाल अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।

Short Highlights
  • डीएल आवेदकों को बैरंग लौटना पड़ रहा
  • सर्वर की समस्या से बढ़ती जा रही ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी
Lucknow News : यूपी में आरटीओ दफ्तर में ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के लिए अप्लाई करने वालों के लिए एक समस्या मुसीबत बन गई है। इसकी वजह से उन्हें डीएल मिलने में महीनों लग रहे हैं। हालात ये है कि अभी भी करीब 1 लाख डीएल अटक गए हैं। उन्हें अपने डीएल के लिए फिलहाल अभी और इंतजार करना पड़ सकता है।

आरटीओ कार्यालय में रोजाना ही सर्वर ठप
दरअसल, ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में रोजाना ही सर्वर ठप रहने या स्लो चलने से लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। दूर-दराज से आए डीएल आवेदकों को बैरंग लौटना पड़ रहा है। जून में एनआईसी ने मेंटेनेंस के बाद सर्वर को ठीक करने की कोशिश की, लेकिन समस्या जस की तस है। सर्वर की समस्या से ड्राइविंग लाइसेंस की पेंडेंसी बढ़ रही है, जो लाखों में है। आवेदकों के लाइसेंस दो-दो माह से घर नहीं पहुंच पा रहे हैं।

नहीं खत्म हो रही समस्या
परिवहन विभाग के सारथी पोर्टल को जून में अपडेट करने के बाद से पुरानी पेंडेंसी में वृद्धि हुई थी, जिसे अभी तक दूर नहीं किया जा सका है। इस बीच, एनआईसी का सर्वर अक्सर धीमा चल रहा है या ठप हो जा रहा है, जिससे काम में लगातार दिक्कतें आ रही हैं। अप्रैल और मई में, सर्वर की समस्याओं ने परिवहन विभाग के कई कामों में बाधा उत्पन्न की, जैसे कि फोटो अपलोडिंग, सत्यापन और ओटीपी की प्रक्रिया प्रभावित हुई। जून में सर्वर को अपग्रेड करने के बाद स्थिति में सुधार हुआ, लेकिन अब फिर से समस्याएं बढ़ गई हैं। अधिकारियों के सामने नई और पुरानी दोनों आवेदनों को निपटाने की चुनौती है, साथ ही मुख्यालय स्तर पर लंबित डीएल की पेंडेंसी को भी खत्म करना है।

बढ़ती ही जा रही है पेंडेंसी
प्रदेश भर में जुलाई में एक लाख से ज्यादा आवेदकों के डीएल अब भी अटके हुए थे। इनको जारी करने में परिवहन विभाग मुख्यालय के पसीने छूट रहे हैं। इस बीच एनआईसी के सर्वर की सुस्ती ने डीएल की पेंडेंसी 25 हजार और बढ़ा दी है। करीब सवा लाख आवेदकों को उनका डीएल महीनों से नहीं मिल पा रहा है।

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