बहराइच अतिक्रमण ध्वस्तीकरण मामला : हाईकोर्ट में 11 नवंबर को अगली सुनवाई, यूपी सरकार से पूछे ये सवाल

UPT | Allahabad High Court Lucknow Bench

Nov 06, 2024 14:12

यह मामला तब सामने आया जब बहराइच के महाराजगंज क्षेत्र में 13 अक्तूबर को दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई और इसमें एक व्यक्ति रामगोपाल मिश्रा की हत्या हो गई। इसके बाद कथित अतिक्रमणकर्ताओं के निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए नोटिस जारी किए गए थे।

Lucknow News : इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बहराइच में अतिक्रमण के खिलाफ ध्वस्तीकरण मामले में सुनवाई के लिए 11 नवंबर को अगली तारीख दी है। न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अगली तारीख तय की। इससे पहले अधिवक्ताओं के विरोध के कारण सुनवाई की तारीख 6 नवंबर तय की गई थी। बुधवार को कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई में मामले से जुड़ी पूरी जानकारी और दस्तावेज प्रस्तुत करें।

राज्य सरकार ने दाखिल किया जवाबी हलफनामा
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल कर दिया गया है। इस पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता को प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार को अगली सुनवाई में सभी आवश्यक दस्तावेज और विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।



अतिक्रमण ध्वस्तीकरण पर फिलहाल 11 नवंबर तक रोक
कोर्ट ने कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया है। लेकिन फिलहाल ध्वस्तीकरण नोटिस मामले में 11 नवंबर तक कथित अतिक्रमणकर्ताओं को राहत रहेगी। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को फिलहाल ऐसी कोई कारवाई नहीं करने का मौखिक निर्देश दिया है, जो कानून सम्मत नहीं हो। वहीं सरकार की ओर से भी वकीलों ने भी कानून सम्मत करवाई करने की बात कही है। प्रदेश सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता विनोद शाही मुख्य स्थाई अधिवक्ता शैलेंद्र कुमार सिंह के साथ पेश हुए और कोर्ट को जानकारी दी।

यूपी सरकार से पूछे ये सवाल
कोर्ट ने प्रदेश सरकार से सवाल किया क्या अतिक्रमण को लेकर लोगों को नोटिस जारी करने से पहले वहां किस प्रकार का सर्वे किया गया था या नहीं? जिन लोगों को नोटिस जारी हुईं हैं, वह निर्मित परिसरों के स्वामी हैं या नहीं? नोटिस जारीकर्ता प्राधिकारी इन्हें जारी करने को सक्षम था या नहीं। इसके साथ ही अदालत ने प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि महराजगंज बाजार की जिस सड़क पर निर्माणों को ढहाने की नोटिस जारी हुईं, क्या पूरा निर्माण या उसका कोई हिस्सा अवैध निर्माण था या नहीं? 

सांप्रदायिक हिंसा के बाद अतिक्रमण पर कार्रवाई
यह मामला तब सामने आया जब बहराइच के महाराजगंज क्षेत्र में 13 अक्तूबर को दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हुई और इसमें एक व्यक्ति रामगोपाल मिश्रा की हत्या हो गई। इसके बाद कथित अतिक्रमणकर्ताओं के निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए नोटिस जारी किए गए थे। याचिका में मांग की गई है कि इन नोटिसों को रद्द किया जाए, क्योंकि यह कार्रवाई हिंसा के बाद की स्थिति में लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है।

एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने किया जनहित याचिका का दायर
एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स (APCR) ने जनहित याचिका दायर की है, जिसमें बहराइच में अतिक्रमण के खिलाफ हुई कार्रवाई को चुनौती दी गई है। याचिका में आरोप है कि प्रशासन ने 17 अक्तूबर को अतिक्रमण हटाने के लिए बिना किसी पूर्व सूचना के नोटिस जारी किए। एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स ने इन नोटिसों को अवैध बताते हुए इन्हें रद्द करने की मांग की है।

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