उपचुनाव में बुर्के पर अटकी जीत-हार! बंटेंगे तो कटेंगे की सियासत वोटिंग के दिन लिबास पर केंद्रित, भाजपा-सपा के दिलचस्प तर्क

UPT | उपचुनाव में बुर्के पर अटकी जीत-हार!

Nov 20, 2024 15:08

उत्तर प्रदेश की सियासत बेहद दिलचस्प है। यूं तो मिश्रित आबादी वाले इस प्रदेश में चुनावी द्वंद्व का घूम-फिरकर मजहब के इर्द-गिर्द हो जाना आम है। मगर इस बार नौ सीटों के उपचुनाव में मतदान के दिन जीत-हार...

Lucknow News : उत्तर प्रदेश की सियासत बेहद दिलचस्प है। यूं तो मिश्रित आबादी वाले इस प्रदेश में चुनावी द्वंद्व का घूम-फिरकर मजहब के इर्द-गिर्द हो जाना आम है। मगर इस बार नौ सीटों के उपचुनाव में मतदान के दिन जीत-हार बुर्के पर आकर अटक गई है। बंटेंगे तो कटेंगे से उफान लेने वाला सियासी तूफान अचानक लिबास पर केंद्रित हो गया है। भाजपा-सपा दोनों के इस पर दिलचस्प तर्क हैं।

यूपी  में मीरापुर, कुन्दरकी, गाजियाबाद, खैर, करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी और मझवां सीट पर बुधवार को उपचुनाव हो रहा है। कुल 90 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें 11 महिलाएं हैं। सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगा। सभी 9 सीट पर कुल 34.35 लाख मतदाता हैं। कुल 3718 पोलिंग बूथ में वोटिंग चल रही है। इनमें 18.46 लाख पुरुष, 15.89 लाख महिला मतदाता हैं। 

पहले जानिए सपा का तर्क, जिससे मामला गरमाया
समाजवादी पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा। इसमें कहा गया कि मतदान के दिन मुस्लिम महिलाओं के बुर्के न उतरवाए जाएं। उनके साथ सहयोग किया जाए। सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि 2022 और 2024 चुनाव में कई शिकायतें मिली थीं कि हिजाब, घूंघट, नकाब और बुर्का के नाम पर वोटरों और वोटर आईडी चेक करने का काम पुलिस प्रशासन ने किया था, जोकि नियमों के खिलाफ था। इसको लेकर सपा ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन का जो काम है, वो पुलिस प्रशासन करे और चुनाव आयोग का जो काम है, वो चुनाव आयोग करे। पुलिस का काम कानून व्यवस्था बनाए रखना है। पुलिसकर्मी नियमों के खिलाफ जाकर वोटर आईडी चेक न करें। पुलिसकर्मी घूंघट, हिजाब, नकाब और बुर्के को चेक न करें। सपा ने कहा कि इससे मुस्लिम महिलाएं डर जाती हैं।

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ये निर्देश जारी किए आयोग ने 
समाजवादी पार्टी की मांग पर चुनाव आयोग ने भी सभी पुलिस अधिकारियों को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने कहा कि सिर्फ पीठासीन अधिकारी और पोलिंग ऑफिसर प्रथम को ही वोटरों की पहचान करने का अधिकार है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने कहा कि पर्याप्त मात्रा में केंद्रीय और राज्य पुलिस बल लगा है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं की पहचान करने का काम केवल पोलिंग ऑफिसर करते हैं। पीठासीन अधिकारी और पोलिंग ऑफिसर प्रथम ही वोटरों की पहचान करेंगे। इन्हीं लोगों की ड्यूटी है वोटरों की पहचान करना। इसके साथ ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि अगर कोई बुर्कानसी और घूंघट में है तो उसकी पहचान के लिए अतिरिक्त महिला पोलिंग ऑफिसर लगाने का प्रावधान है। सभी निर्वाचन अधिकारियों को ट्रेनिंग के दौरान बताया गया है। इसकी व्यवस्था भी हर पोलिंग बूथ पर की जाती है। 

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अब भाजपा की चिट्ठी पढ़ लीजिए
भाजपा ने भी इस मामले में चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी। इसमें जोर दिया गया है कि पर्दानशीं महिलाओं की पहचान सुनिश्चित किए बिना मतदान की अनुमति देना गलत है। भाजपा की ओर से कहा गया है कि वोटिंग के समय पर्याप्त महिलाकर्मी की तैनाती होनी चाहिए। पर्दानशीन महिलाओं और सभी मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित कराकर ही मतदान की अनुमति दी जानी चाहिए। पत्र के अनुसार, पिछले चुनावों में देखा गया है कि पर्दानशीं महिलाओं की पहचान सुनिश्चित न करने से कई-कई बार वोट डालने का प्रयास करती रही हैं। आरोप लगाया गया है कि कुछ पुरुष भी बुर्का पहनकर महिलाओं के स्थान पर फर्जी मतदान का प्रयास करते हैं। कई बार ऐसे मतदाताओं को फर्जी मतदान करने से मतदान टीम के द्वारा रोका भी गया है। यदि पर्दानशीन महिलाओं की पहचान सुनिश्चित किये बिना मतदान की अनुमति दी जाती है तो फर्जी मतदान होगा। 

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बुर्का पहनाकर फर्जी वोटिंग की साजिश : केशव मौर्य 
यूपी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि निष्पक्ष चुनाव के लिए बुर्का पहनकर मतदान करने वाले मतदाताओं की विशेष जांच होनी चाहिए। सपा द्वारा बुर्का पहनाकर फर्जी वोटिंग कराने की साजिश पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने पोस्ट के जरिए कहा कि लोकतंत्र में फर्जी वोटिंग और बूथ कैप्चरिंग के लिए कोई स्थान नहीं है। सपा की बूथ कैप्चरिंग और फर्जी वोटिंग कराने की पुरानी आदतें इस बार सफल नहीं होंगी। केशव ने कहा कि चुनाव आयोग से अपील है कि निष्पक्ष और पारदर्शी मतदान सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, सपा द्वारा बुर्का पहनाकर फर्जी वोटिंग कराने की साजिश पर सख्त कार्रवाई की जाए। निष्पक्ष चुनाव के लिए यह आवश्यक है कि बुर्का पहनकर मतदान करने वाले मतदाताओं की विशेष जांच सुनिश्चित की जाए।

मौलाना शहाबुद्दीन भी विवाद में कूदे
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी का भी इस मामले में बयान सामने आया है। मौलाना ने कहा कि सपा ने जो पत्र लिखा है वो सही है। उन्होंने जो अंदेशा जताया है वो भी ठीक है। चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देना होगा और हर बूथ पर महिला कर्मी का इंतजाम करना चाहिए। हर बूथ पर एक महिला का इंतजाम हो, जो महिलाओं की जांच पड़ताल करे। तब इसमें किसी तरह की कोई आपत्ति नहीं है। मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि पूरी दुनिया को ये मालूम हैं कि बुर्का मुस्लिम महिलाओं के लिए जरूरी मजहबी लिबास है, जिसे वो पर्दे के लिए इस्तेमाल करती हैं। अन्य धर्मों में भी कुछ महिलाएं घूंघट करती हैं तो उनका भीएहतराम हर हाल में होना चाहिए। चुनाव के दौरान इसके लिए व्यवस्था किया जाना जरूरी है।

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